
जयपुर, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने घना पक्षी विहार को पानी पहुंचाने वाली गंभीर नदी के बहाव क्षेत्र और चारागाह भूमि पर हुए अतिक्रमण के मामले में मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, प्रमुख राजस्व सचिव, करौली कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य से जवाब तलब किया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश मुकेश कुमार मीना की जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि पाचना बांध का पानी गंभीर नदी के जरिए घना पक्षी विहार पहुंचता है। इस नदी के बहाव क्षेत्र में कई वन्य जीव निवास करते करते हैं। नदी के बहाव क्षेत्र में करौली जिले के ग्राम सनेंट की करीब 230 बीघा भूमि भी आती है। नदी की इस भूमि और इससे जुडी चारागाह भूमि पर कई लोगों ने सालों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिसके चलते पक्षी विहार का जैविक संतुलन भी बिगड़ रहा है और कई प्रवासी पक्षियों ने यहां प्रवास भी कम कर दिया है। अतिक्रमण को लेकर याचिकाकर्ता ने जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी कमेटी में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में संबंधित अधिकारियों को यहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
