
जयपुर, 21 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जामडोली थाना इलाके में रहने वाली महिला को कथित रूप से अवैध रूप से अवैध बांग्लादेशी बताकर उसे हिरासत में लेने के मामले में गृह सचिव, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर और जामडोली थानाधिकारी सहित अन्य से जवाब तलब किया है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश शोएब की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता एसएस अली ने अदालत को बताया कि गत 5 मई को याचिकाकर्ता के घर कुछ पुलिसकर्मी आए और उसकी मां साजिदा को बिना कारण बताए अपने साथ ले गए। याचिकाकर्ता ने जामडोली थाने में कई बार संपर्क किया, लेकिन उसे आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं बाद में जब याचिकाकर्ता अपने समाज के कुछ लोगों के साथ थाने गया तो उसे मौखिक रूप से जानकारी दी गई कि उसकी मां को अवैध बांग्लादेशी होने के कारण हिरासत में लिया गया है। याचिका में कहा गया कि उसका परिवार मूल रूप से सवाई माधोपुर का है और उसके पूर्वज रोजगार के लिए जामडोली आकर बस गए थे। याचिकाकर्ता की मां के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और राशन कार्ड भी है, लेकिन पुलिस ने इन दस्तावेजों को दिखाने का मौका ही नहीं दिया। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई बर्बरतापूर्ण और मनमानी है। ऐसे में प्रशासन को निर्देश दिए जाए कि वह उसकी मां को अदालत में पेश करें और तुरंत हिरासत से मुक्त करें। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
