
जयपुर, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की 55 नगरपालिकाओं का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उनके चुनाव नहीं कराने और प्रशासक नियुक्त करने पर राज्य के मुख्य सचिव, स्वायत्त शासन सचिव, निदेशक और राज्य निर्वाचन आयोग से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। जस्टिस श्रीचंद्रशेखर और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अदालत को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243 यू और नगरपालिका अधिनियम की धारा 7 और धारा 11 के तहत नगरपालिकाओं का कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व उनके चुनाव कराए जाने जरूरी है। नगरपालिका अधिनियम के तहत पिछले बोर्ड की पहली बैठक के पांच साल पूरे होने से पहले चुनाव होने चाहिए। प्रदेश की नगरपालिकाओं का कार्यकाल 25 नवंबर, 2024 को पूरा हो चुका है। राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग ने इन नगरपालिकाओं के चुनाव कराने के बजाए यहां प्रशासक लगा दिए। याचिका में यह भी कहा गया कि प्राकृतिक आपदाओं के अलावा स्थानीय निकायों के चुनाव टाले नहीं जा सकते हैं। यदि किसी पालिका बोर्ड का विघटन किया गया है तब भी छह माह के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी पूर्व में तय कर चुका है कि व्यापक जनहित को देखते हुए पांच साल की अवधि पूरी होने से पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित किया जाना चाहिए। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए नगरपालिकाओं के चुनाव स्थगित कर उनमें प्रशासक लगा दिए। याचिका में साल 2019 का हवाला देते हुए कहा गया कि तत्कालीन नगरपालिकाओं का कार्यकाल पूरा होने से पहले नवंबर माह में ही चुनाव प्रक्रिया आरंभ की गई थी। ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह इन नगरपालिकाओं का चुनाव कार्यक्रम घोषित करे। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
