
जयपुर, 25 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने सीकर के राजस्व गांव महला की ढाणी को समाप्त कर उसे पास के दूसरे गांव में शामिल करने पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने मामले में एसीएस राजस्व, राजस्व मंडल, सीकर कलेक्टर और एसडीएम सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश खेमचंद महला की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान चौधरी और अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि महला की ढाणी को साल 2004 में स्थानीय पंचायत के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने गांव आंतरी से अलग राजस्व ग्राम घोषित किया था। विभाजन के बाद आंतरी गांव की जनसंख्या 683 और महला की ढाणी की 880 थी। इसके बाद प्रशासन ने स्थानीय ग्रामीणों के सभी दस्तावेज अलग राजस्व ग्राम के नाम से बना दिए। वहीं साल 2023 में पंचायत ने स्थानीय ग्रामीणों को सूचित किए बिना इसे वापस आंतरी गांव में शामिल करने का प्रस्ताव लेकर उसे जिला प्रशासन में भेज दिया। इसके बाद मामला राजस्व मंडल गया और मंडल ने इस विलय की अधिसूचना जारी करने के लिए मामला राज्य सरकार को भेज दिया। याचिका में कहा गया कि 250 लोगों की आबादी पर अलग राजस्व ग्राम बनाने का प्रावधान है। वहीं महला की ढाणी की जनसंख्या आंतरी गांव से काफी अधिक है। ऐसे में बड़े गांव का विलय छोटे गांव में नहीं हो सकता। इसके अलावा यह कार्रवाई स्थानीय ग्रामीणों को बिना जानकारी देकर दी गई है। ऐसे में याचिकाकर्ता के गांव के विलय की कार्रवाई को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले में यथास्थिति के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
