शिमला, 23 मई (Udaipur Kiran) । पैनड्राइव को छिपाने के मामले में ए.एस.आई. पंकज को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी है। एस.एस.पी. शिमला ने मामले में पुलिस कर्मी की लापरवाही पाए जाने पर यह कार्रवाई अमल में लाई है। हालांकि एस.एस.पी. का कहना है कि पुलिस ने यह कार्रवाई पहले कर ली है और पैनड्राइव को रिकवर करके एफ.एस.एल. को भेजकर इसका डाटा और करीब 14000 फाइलें रिकवर करवाई है, जिसे जांच में शामिल किया गया है।
10 अप्रैल विमल नेगी शिमला से लापता हो गए थे और इसके बाद 18 अप्रैल को उनका शव बिलासपुर में गोविंंद सागर झील से बरामद किया था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान शव से पैनड्राइव भी मिला था, लेकिन यह जांच में शामिल नहीं किया गया था और बाद में इसका वीडियो वायरल हुआ तो ज्ञात हुआ कि पैनड्राइव मिला तो था, लेकिन सूची में शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद इस पैनड्राइव को रिकवर करके इसे जांच में शामिल करते हुए इसका डाटा रिकवर कर लिया गया।
बता दें कि 21 मई को विमल नेगी की मौत मामले में डी.जी.पी. की ओर से हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में शिमला पुलिस की एस.आई.टी. की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए थे, वहीं एस.एस.पी. शिमला ने व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होकर बताया था कि विमल नेगी की मौत बिलासपुर में हुई थी, वहीं पर पोस्टमार्टम भी किया गया था। यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर था। यही वजह है कि शिमला पुलिस मामले में पहले किसी प्रकार दखल नहीं कर पाई। पैनड्राइव को न केवल रिकवर करके इसे जांच में शामिल किया गया, अपितु फोरेंसिक भेजकर इसका डाटा भी रिकवर किया गया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
