
अशोकनगर, 15 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जिस घर में तीन भाई है और व्यापार सिर्फ एक है, तीन बहुएं एक साथ रहती हो एक किचन में खाना पकाती हो वो घर स्वर्ग होते है, हमको हमेशा अपना घर बड़ा करना चाहिए, हमारी अयोध्या बड़ी करना चाहिए कभी भी राम और लक्ष्मण का बंटवारा नहीं करना चाहिए, राम का व्यक्तित्व हमेशा सहनशीलता वाला था इसलिए वे सारा कुछ अपने भाइयों के लिए छोड़ कर चले गए।
यह बात रविवार को मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने तूमैन में प्रवचन देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जब राम सेतु का निर्माण चल रहा था तब राम जी को लगा कि उनको भी कोई कार्य करना चाहिए तो वे हनुमान जी के पास गए तो उन्होंने कहा हम भी कुछ कार्य करना चाहते है तब उन्होंने एक पत्थर पर राम लिखा और समुद्र में फेंका तब वह पत्थर समुद्र में डूब गया तब राम जी ने पूछा कि आप फेक रहे तो पत्थर तेर रहा और में फेक रहा तो डूब रहा तब हनुमान ने कहा कि आप जिसको छोड़ते है तो वो तिर जाता है और हम छोड़ रहे है तो वो तेर रहा है, समझदार व्यक्ति हमेशा विवेक से कार्य करता है, नैतिकता, व्यावहारिकता, स्नेह हमेशा उनमें रहती है, राम राम सुनते सुनते एक न एक दिन राम का कोई एक गुण भी आपके अंदर आजाएं तो समझ जाना आप राम बन जाएंगे, आप लोग को आपकी बुद्धि को सुधारना है, भावों की विशुद्धि से बड़ा कोई भाव नहीं होता है। हमको हमेशा अवसर वादी बनना है कभी कोई मौके की चीज नहीं छोडऩा है।
(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार
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