अशोकनगर, 10 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जीवन में परीक्षा से कभी डरना नहीं चाहिए, जो व्यक्ति परीक्षा से डर जाता है वो व्यक्ति ऊंचाइयां कभी प्राप्त नही कर पाता है, जिसको हर दिन हर पल अच्छा चाहिए ऐसा व्यक्ति कभी सफल नहीं हो पाएगा और न कभी ऊंचाइयां प्राप्त कर पाएगा, क्योंकि बिना लड़े, बिना मेहनत करे कोई भी व्यक्ति कभी ऊंचाइयां प्राप्त नही कर सकता है। यह बात 108 मुनि श्री आदित्य सागर जी ने मंगलवार को पारसनाथ जैन मंदिर परिसर में प्रवचन देते हुए कही।
मुनि श्री ने कहा कि मां जी बताईए घी बनाया, और एक पैकेट वाला घी लाए। प्रकृति कहती है या तो पहले मेहनत कर लो या बाद में घर पर घी बनाने में मेहनत पहले लगती है और बाहर से घी लाने में बाद में मेहनत ज्यादा लगती है, या तो पहले परीक्षा देदो या बाद में, परीक्षा हमेशा वही देता है जो परीक्षा के लायक होता है, मैने कभी कसौटी पर लोहा घिसते नही देखा हमेशा सोना घिसते हुए ही देखा है।
परीक्षा अगर आपकी हो रही है तो इसका मतलब आपमें कुछ है अगर नहीं होता तो आपकी परीक्षा होती क्या? अगर कोई आप पर आरोप लगाए या कोई आप पर पत्थर मारे तो निराश मत होना आप ये समझना कि आप फल वाले पेड़ हो गए है क्योंकि पत्थर हमेशा फल वाले पेड़ पर ही मारे जाते है, आप अगर अच्छा काम करेंगे तो लोग आप पर आरोप लगाएंगे डराएंगे पर डरने का नही। परीक्षा सबकी होगी परीक्षा के बाद ही सब कुछ मिलता है, अपने जीवन में प्रत्येक पल परीक्षा देते रहना परीक्षा के बाद ही आपको डिग्री मिलेगी, आप अपना कर्तव्य करे परंतु श्रद्धा कम न हो जीवन में हर पल परीक्षा का है पर डरने का नही।
मुनि श्री ने कहा कि जीवन का क्षण परीक्षा का है उसमें मुस्कुराकर सहना पड़ेगा, परीक्षा वक्त लेगा परंतु आपको हर परीक्षा देना है।
बहुत कठिन होता है वो क्षण जब जीवन परीक्षा लेती है उस समय हमको बिखरना नहीं है परीक्षा खुशी खुशी देना है। भारत की सबसे महंगी जमीन सेठ टोडरमल जी ने खरीदी थी 790 किलो सोना देकर उतनी जमीन खरीदी जिसमें सिर्फ 2 आदमी लेट पाए उतनी जमीन खरीदी थी श्री गुरु गोविंद साहब के दो पुत्र के दाह संस्कार के लिए ली गई थी, पहले के लोग जाती प्रधान नहीं जे पहले इंसानियत प्रधान थे, ज़िन्दगी थोड़ी परीक्षा है जिंदगी में परीक्षा है, अपनी परीक्षा है क्योंकि सफल अपने को होना दूसरों को नही होना है।
जिसने बुरे दिन देखे है उसी के अच्छे दिन आते है। बुरे वक्त के बाद अच्छा वक्त जरूर आता है और बुरे वक्त में व्यक्ति को बिखरना नही है उसको हिम्मत के साथ उस वक्त को निकलना है, बुरा वक्त भी निकल जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार