अशोकनगर, 07 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा शनिवार को प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 नए केन्द्रीय विद्यालयों की घोषणा के ट्यूट को देखते ही लोगों के चेहरों पर खुशी देखी गई। खुशी का कारण कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रदेश में खुलने जा रहे 11 केन्द्रीय विद्यालयों में पहले पायदान पर अशोकनगर का नाम जो रहा।
दरअसल, अशोकनगर जिले का वर्ष 2003 में उदय हुआ, पर जिला मुख्यालय पर जिले जैसी सुविधायें बीते दो दशकों में उपलब्ध नहीं हो सकीं।
किसी भी जिले के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, आवागमन के पर्याप्त साधन होना आवश्यक होते हैं। पर प्राथमिक तौर पर जिला मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय की शिक्षा से भी बच्चे यहां वंचित रहे, क्यों कि जनप्रतिनिधियों के अविवेक पूर्ण निर्णय के कारण यहां दो दशकों में भी केन्द्रीय विद्यालय की उपलब्धता नहीं हो सकी।
जिसका मुख्य कारण क्षेत्रिय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का होना रहा।
सांसद सिंधिया ने अपने चुनावी मंचों से तक कहा कि अशोकनगर का स्वीकृत केन्द्रीय विद्यालय उनके द्वारा मुंगावली में स्थापित करा दिया गया। इस का परिणाम ये रहा कि जिले के मुंगावली और चंदेरी जैसी तहसीलों में तो केन्द्रीय विद्यालय स्थापित हो गए, पर जिला मुख्यालय के बच्चे केन्द्रीय विद्यालय की शिक्षा से वंचित ही रहे।
पीएम की घोषणा के बाद पत्रबाजी शुरु
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अशोकनगर में केन्द्रीय विद्यालय की घोषणा के बाद अब सोशल मीडिया पर पत्रबाजी शुरू कर दी गई है। सिंधिया समर्थकों द्वारा अब यहां केन्द्रीय विद्यालय का श्रेय सांसद को दिया जा रहा बताया जा रहा है। जबकि उनके कारण जिला मुख्यालय पर समय पर केन्द्रीय विद्यालय स्थापित नहीं हो सका और बच्चे केन्द्रीय विद्यालय की शिक्षा से अब तक वंचित रहे।
पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मध्यप्रदेश के 11 नए केन्द्रीय विद्यालयों में अशोकनगर का नाम पहले पायदान पर होने से लोगों में खुशी की लहर है।
(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार