जयपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सहित सभी नेताओं को पूरा विश्वास था कि इस बार हरियाणा में बाजी पलटने वाली है। एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को बढ़त में बताया गया था, लेकिन चुनाव परिणाम ने कांग्रेस के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। वहीं आज परिणामों को लेकर दिल्ली में समीक्षा बैठक की गई, जिसमें हार को लेकर मंथन हुआ।
हरियाणा विधानसभा चुनाव पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि इस हार को गंभीरता से लिया जा रहा है। क्योंकि मीडिया, वहां की जनता एक स्वर में कह रही थी कि सरकार कांग्रेस की बनने जा रही है। इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ कि नतीजे उसके उलट आए। आज इसपर गंभीरता से बैठक में चर्चा की गई। इसके कारण के तह तक जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी जिसके जीतने की बात पूरा देश और प्रदेश कर रहा था। क्या कारण रहे कि नतीजे उलटे आ गए। अशोक गहलोत ने कहा कि ईवीएम और कई तरह की आशंका हमारे कार्यकर्ताओं और लोगों के मन में है। कल हमने चुनाव आयोग से मुलाकात भी की है। हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की और उनसे कहा कि हमारी आशंकाएं दूर कीजिए। हमने लिखित में ज्ञापन भी दिया है।
समीक्षा बैठक में निर्णय किया गया कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के नतीजों को स्वीकार नहीं करेगी। बैठक में निकलकर आया कि सभी सर्वे रिपोर्टों और ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के जीतने का पूर्वानुमान था, फिर भी पार्टी क्यों हारी…इस पर मंथन किया जाएगा। इसके आलावा कांग्रेस की हार की बड़ी वजह कांग्रेस के बागियों का चुनावी मैदान में होना भी बताया गया। नेतृत्व ने आपसी गुटबाजी और पार्टी हित से उपर निजी हित को तवज्जो देने की बात कही है। बैठक में नेतृत्व ने ये तय किया की पार्टी तुरंत एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन कर अगले कुछ दिनों में एक एक प्रत्याशी से बात कर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगी। जिसके बाद जरूरी कारवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित