जयपुर, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में 16 दिसंबर को 53वां विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बांग्लादेश में भारत और पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाए गए। जिसमें कहा गया कि ‘बांग्लादेश पर अब दिल्ली नहीं, ढाका का राज चलेगा। इसको लेकर भारत में काफी नाराजगी है। बांग्लादेश को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को बड़ी सलाह दी।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश में बढ़ रहे भारत विरोधी माहौल और हिन्दू अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए गहलोत ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विजय दिवस के अवसर पर कल बांग्लादेश में भारत विरोधी नारे लगे। पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व में बांग्लादेश को आजादी भारत ने दिलवाई और भारत के साथ बांग्लादेश के अच्छे संबंध रहे। परन्तु, दोनों देशों के संबंधों में ऐसी कटुता आना बेहद चिंताजनक है। बांग्लादेश के साथ भारत के व्यापारिक रिश्ते भी हैं। उत्तर पूर्व के राज्यों का तो रोजमर्रा का व्यापार तक बांग्लादेश के साथ चलता है जो अभी रुक गया है।
गहलोत ने लिखा कि बांग्लादेश के आशुपुर में 1971 के युद्ध में योगदान देने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बन रहे मेमोरियल का काम भी बंद है। वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहा है लेकिन, भारत सरकार का इस विषय में अभी तक कोई पक्ष सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आया है।गहलोत ने लिखा कि यह भी विचारणीय है कि बांग्लादेश युद्ध विजय के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्दिरा गांधी को दुर्गा कहा था। परन्तु कल विजय दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर कोई आयोजन देशभर में नहीं रखा गया। बांग्लादेश युद्ध में भारतीय सेना ने 90 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों का समर्पण करवाया था जो इतिहास की एक बड़ी घटना है। क्या यह हम सबकी जिम्मेदारी नहीं है कि नई पीढ़ी तक इतनी बड़ी ऐतिहासिक घटना को बताया जाए और इस विजय का जश्न मनाया जाए।
गहलाेत ने लिखा कि पीएम मोदी को गहलोत की सरकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश में बढ़ रहे भारत विरोधी माहौल और हिन्दू अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। भारत सरकार को कूटनीतिक चैनलों से सुनिश्चित करना चाहिए कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को ऐसी घटनाओं के बारे में सख्ती बरते। जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले जैसे हो सकें।
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(Udaipur Kiran) / रोहित