जयपुर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसम्बर को पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के पहले चरण का शिलान्यास करेंगे। इस बीच विपक्ष ने मोर्चा खोला दिया है। पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार से तीखे सवाल किए।
सीएम अशोक गहलोत ने एक वीडियाे संदेश जारी कर कहा है कि पीकेसी-ईआरसीपी का मतलब है संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच एक समझौता है। क्या जनता को इस समझौते को जानने का अधिकार नहीं है? क्या जनता इस समझौते के फायदे के बारे में नहीं जान सकती है? आखिकार, इस समझौते को गुप्त क्यों रखा जा रहा है।
अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा ने ईआरसीपी का नाम बदलकर पीकेसी-ईआरसीपी कर दिया है। इसके तहत मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच एक नया समझौता भी हुआ है। क्या राजस्थान के हित उसे करार से सुरक्षित रहेंगे या नहीं? इसका फायदा किसको मिलेगा राजस्थान या मध्य प्रदेश को? इन प्रश्नों के जवाब जानने का जनता को पूरा हक है।
गहलोत ने कहा कि पीकेसी-ईआरसीपी योजना में किसानों के रहने की व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं है। मैं अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देख रहा हूं कि दो सरकारों के बीच हुए समझौते को गुप्त रखा जा रहा है। जनता को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
गहलोत ने कहा कि 2013 में जब यूपी सरकार की ओर से राजस्थान में रिफाइनरी प्रोजेक्ट लाया गया था, तब प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया था। लेकिन नई सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को नजरअंदाज कर दिया गया और जब काम शुरू हुआ तब उसकी लागत दोगुनी हो गई। जनता के लिए होने वाले काम के लिए कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। पर वे (भाजपा) बहुत राजनीति कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है की राजस्थान के 21 जिलों को पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट से कृषि, उद्योगों व पेयजल के लिए पानी मिलेगा। पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट से जिन जिलों को फायदा होगा, उनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक और दूदू जिला शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित