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हिमाचल से वैश्विक ऊंचाइयों तक आशीष वैद्य की नवाचार और दृढ़ता की यात्रा  

मंडी, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) ।हिमाचल प्रदेश के शांतिपूर्ण नगर मंडी से संबंध रखने वाले आशीष वैद्य ने नवाचार और बौद्धिक संपदा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के क्षेत्र में अग्रणी बनते हुए प्रौद्योगिकी की दुनिया में एक चमकदार राह बनाई है। वर्तमान में अमेरिका स्थित अमेज़ॅन कंपनी के एलेक्सा ऑडियो में प्रिंसिपल इंजीनियर के रूप में कार्यरत आशीष ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके नाम संयुक्त राज्य अमेरिका में चार मान्यताप्राप्त पेटेंट हैं और कई अन्य प्रगति पर हैं। उनकी विशेषज्ञता व्यापक तकनीकी क्षेत्रों जैसे एंटरप्राइज ऑपरेटिंग सिस्टम,फ़ाइल ट्रांसफऱ प्रोटोकॉल, मोबाइल और वियरेबल ऐप्स, विज्ञापन, भाषा अनुवाद, क्लाउड में बड़े पैमाने पर वितरित सिस्टम और उन्नत एआई तकनीकों में फैली हुई है।

आशीष की कहानी दृढ़ता और प्रतिभा की मिसाल है। केंद्रीय विद्यालय मंडी से स्नातक हुए आशीष ने अपनी पढ़ाई में शीर्ष स्थान हासिल किया और अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में राज्य स्तर पर 53वीं रैंक प्राप्त कर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक सुरथकल में दाखिला लिया। 2008 में सूचना प्रौद्योगिकी आईटी में डिग्री के साथ प्रतिष्ठा सहित स्नातक करने के बाद उन्होंने नोवेल इंक में अपने करियर की शुरुआत की और करियर के शुरुआती दिनों में ही अपना पहला पेटेंट दर्ज कराया। सिट्रिक्स और बाद में अमेज़ॅन में विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से प्रगति करते हुए, आशीष 2014 में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थानांतरित हो गए। वहां उन्होंने अमेज़ॅन के प्रमुख उत्पादों जैसे प्राइम वीडियो, सोशल मीडिया विज्ञापन और एलेक्सा पर काम किया। वर्तमान में वे एलेक्सा के ऑडियो सिस्टम का नेतृत्व कर रहे हैंए जो विश्व स्तर पर संगीत, रेडियो, पॉडकास्ट और ऑडियोबुक अनुभव प्रदान करते हैं और प्रतिदिन लाखों उपयोगकर्ता अनुरोधों को संभालते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल चार मान्यता प्राप्त पेटेंट के साथ आशीष का काम कई उद्योगों में प्रगति की नींव रहा है। उनकी हाल की पेटेंट फाइलिंग अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जेनरेटिव एआई पर केंद्रित हैंए जो उन्नत नवाचार की दिशा में उनके प्रयासों को दर्शाती हैं।

अपनी यात्रा पर विचार करते हुए आशीष अपनी सफलता का श्रेय अपने जीवन के प्रारंभिक वर्षों को मंडी, हिमाचल प्रदेश में बिताने को देते हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जैसे छोटे शहर में बड़े होने के कारण मैंने दृढ़ता और संसाधनशीलता का महत्व सीखा जो मेरे नवाचार और समस्या समाधान दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण रहे हैं। इस वातावरण की अनूठी चुनौतियों ने एक इनोवेटिव मानसिकता विकसित की। सीमित संसाधनों के बावजूद मैंने उपलब्ध साधनों का अधिकतम उपयोग करना सीखा। यह एक कौशल जिसने मेरे पेशेवर जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। भविष्य की ओर देखते हुए आशीष अपनी विशेषज्ञता को तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य के साथ जोड़ते हुए जेनरेटिव एआई में और अधिक योगदान देने का लक्ष्य रखते हैं। आशीष अपने परिवार, अपनी माता राजकुमारी वैद्य, अपने पिता स्वर्गीय लोकेश वैद्य और पत्नी शैलजा चड्डा के प्रति उनके अटूट समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त करते हैं।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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