
धमतरी, 7 मार्च (Udaipur Kiran) ।ग्रीष्म ऋृतु की आहट के साथ ही इस वर्ष तेज गर्मी का एहसास होने लगा है। पारा 30 से 34 डिग्री तक पहुंचने लगा है। दिन में तेज धूप होने की वजह से लबालब भरे तालाब भी सूखने लगे हैं। शहर के आधा दर्जन तालाब ऐसे हैं जो सूखने की कगार पर हैं। कुछ तालाब तो खाली मैदान बन गए हैं। तालाबों के पानी सूखने से आसपास के क्षेत्र का जलस्तर कम होने लगा है। है। हैंडपंप व बोर का पानी काफी नीचे चला गया है। लोगों ने नगर निगम प्रशासन से तालाबों को गंगरेल से पानी भरने की मांग की है।
शहर में मकई तालाब, खपरी तालाब सूख कर मैदान बन गया है। दीवान तालाब, कठौली तालाब, महिमा सागर तालाब, शीतला तालाब सूखने की कगार पर हैं। तालाबों के सूखने से निस्तारी की समस्या आ गई है। शहरवासी मैनी बाई सोनकर, पुष्पा साहू, गोदावरी साहू, अंजली देवांगन नका कहना कि घरों में लगे मोटर पंप का वाटर लेवल नीचे चला गया है। शहर के अन्य तालाबों में रामसगरी तालाब, बनिया तालाब, बठेना तालाब, गंगासागर तालाब, रामबाग तालाब, नयनतारा तालाब, नाचन तालाब आदि ऐसे हैं जहां पानी तो है लेकिन कम होने की स्थिति में पानी प्रदूषित हो गया है। तालाबों के प्रदूषित होने की स्थिति में गंदगी का आलम है। रूके हुए पानी में कचरा जमा है। जिससे असहनीय दुर्गंध उड़ती रहती है। कुछ तालाबों के किनारे तो अतिक्रमण भी हो रहा है। बांबे गैरेज क्षेत्र में यह नजारा देखा जा सकता है। कुछ व्यवसायी तो तालाब किनारे पुराने बंद पड़े वाहनों को ही यहां सालों से खड़ी कर करके रखे हुए हैं। यदि अतिक्रमण हटे तो तालाबों का दायरा भी बढ़ेगा।
शहर के जिन तालाबों में जलस्तर कम हो गया है, या पूरी तरह से सूख गए हैं, ऐसे तालाबों का उपयोग शहर के कुछ नागरिक कचरा डंप सेंटर की तरह उपयोग करते हैं। खासकर तालाबों के किनारे रहने वाले लोग तो सीधे तालाबों में ही कचरा फेंकते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। इस संबंध में धमतरी आयुक्त प्रिया गोयल ने कहा कि शहर के तालाबों को अतिशीघ्र गंगरेल बांध के पानी से भरने की दिशा में कार्य किया जाएगा। जलसंसाधन विभाग से आने वाले दिनों में इस संबंध में पत्र व्यवहार किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
