देहरादून, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । धामी सरकार की ओर से चलाई जा रही फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत अब तक 23 महिलाओं को उनके बिछड़े परिवार से मिलाया जा चुका है। इस प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न राज्यों में ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश में तक इन महिलाओं के बिछड़े परिवारों की तलाश कर उन्हें मिलाया जा चुका है। इसमें बांग्लादेश की नूरजहां को 32 साल बाद अपना परिवार मिल पाया है।
फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत देहरादून नारी निकेतन में रह रहीं महिलाओं के जीवन को नई दिशा देने के काम में लगा है। रांची झारखंड की रहने वाली जूनी टोपो भी 30 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि यहां रह रही सभी महिलाओं को उनके परिवार से मिलाया जाए। इसके लिए चलाए जा रहे फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम ने अच्छे परिणाम दिए हैं। सरकार यहां रह रही महिलाओं को कौशल विकास का भी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।
आसाम की रहने वाली वृंदा 17 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी। उन्होंने लंबा समय आश्रमों में बिताया, वृंदा 25 अगस्त 2023 को देहरादून नारी निकेतन में दाखिल हुई। यहां प्रोग्राम फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत टीम ने उनकी घंटों काउंसिलिंग करते हुए उनके परिवार का नाम पता जानने में कामयाबी हासिल की। आखिरकार इसी साल 29 अप्रैल को वृंदा के भाई उन्हें लेने के लिए देहरादून पहुंचे, जहां कानूनी औपचारिकता के बाद उन्हें परिवार को सौंप दिया गया।
एक अन्य मामले में नेपाल की रहने वाली कमला कुमारी 2012 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। इसके बाद वो वर्ष 2016 में अचानक उत्तरकाशी में मिली, जहां स्थानीय जिला प्रशासन ने उसे नारी निकेतन भेज दिया। अब रीयूनियन प्रोग्राम के तहत, रोलपा नेपाल में उनका बेटा मिल गया है। तमाम कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद इसी महीने 3 अक्टूबर को कमला का बेटा अपनी बिछड़ी मां को लेकर वापस नेपाल चला गया है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार