वाराणसी, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 74वीं वर्षगांठ शनिवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी में उत्साह के साथ मनाई गई। सिगरा स्थित भारत माता मंदिर परिसर में शहर के संगीत साधकों ने शहनाई की धुन पर वंदे मातरम गीत बजाकर लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने इस दौरान शहनाई की धुन पर वंदे मातरम गीत को गा कर देशभक्ति की अलख जगाई।
गौरतलब हो कि 07 सितम्बर 1950 को पहली बार बंकिम चंद चटर्जी के लिखे गीत को संसद में गाया गया था। इसके पहले वंदे मातरम गीत पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। 1950 में वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत और जन गण मन राष्ट्रीय गान बना।
उधर, त्रिशक्ति सेवा फाउंडेशन एवं हिंदू युवा वाहिनी वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में वंदेमातरम राष्ट्रीय गीत दिवस के अवसर पर शहीदों को नमन किया गया। इस दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक डॉक्टर नीलकंठ तिवारी उपस्थित रहे। हिंदू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी अंबरीश सिंह भोला ने बताया कि मैदागिन स्थित गुरु गोरक्षनाथ मठ में ‘एक शाम देश के महान क्रांतिकारियों के नाम कार्यक्रम का भव्य आयोजन भी किया गया। देश के लिए बलिदान देने वाले भारत माता के सपूतों को याद किया गया और उनके परिवार के सदस्यों का सम्मान किया गया। इस दौरान गायक व अभिनेता मनोहर सिंह ने देशभक्ति गीत की प्रस्तुति कर समां बांध दिया। देशभक्ति गीतों ने लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी