Uttar Pradesh

परिकल्पना से कलाकृतियों को सृजित करता है कलाकार : अनिल रिसाल सिंह

परिकल्पना से कलाकृतियों को सृजित करता है कलाकार : अनिल रिसाल सिंह

लखनऊ, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । परिकल्पना ज्ञान से बेहतर होती है, क्योंकि अपनी परिकल्पना पर व्यक्ति शत प्रतिशत देकर लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करता है। यही बात कलाकारों पर भी लागू होती है और एक कलाकार अपनी परिकल्पना से ही अपनी कलाकृतियों को सृजित करता है। ऐसी कलाकृतियां सदैव समाज को संदेश देती हैं। यह बातें मंगलवार को प्रख्यात फोटोग्राफर अनिल रिसाल सिंह ने ललित कला अकादमी के शोधार्थी कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए कही।

ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय केन्द्र अलीगंज लखनऊ में मंगलवार को कार्यरत कलाकारों/शोधार्थीयों की कृतियों पर आधारित व्याख्यान कार्यक्रम हुआ, जिसका शीर्षक ‘वर्धनी’ (पीपीटी प्रस्तुति) रहा। कार्यक्रम में केन्द्र में कार्यरत मूर्तिकला शोधार्थी ललित कुमार चौरसिया व फोटोग्राफी शोधार्थी सुरेश कुमार सौरभ की कलाकृतियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। सुरेश कुमार सौरभ ने अपने हर छायाचित्र में बनारस के नये-नये विषयों जैसे बाजार-शहर, गलियां, साधू-सन्त, औघड़ इत्यादि को लेकर विविध प्रकार की फोटोग्राफी की है। सौरभ ने अपने प्रस्तुति में बताया कि उन्होंनें विषय की सूक्ष्मता को उसके सम्पूर्ण वातावरण के साथ कैमरे की पटल पर कैद करने की कोशिश की है। वहीं ललित कुमार चाैरसिया ने अपने स्टोन एवं टेराकोटा की कलाकृतियों की प्रस्तुति दी साथ ही अपने कार्यों के सृजन के दौरान अपने विचार को सभी के साथ साझा किया। उनका सृजन प्रकृति एवं धरोहर पर आधारित है।

कार्यक्रम के अतिथि प्रख्यात फोटोग्राफर अनिल रिसाल सिंह ने कहा कि दोनों कलाकारों ने अपनी-अपनी विधा में रचित कलाकृतियों का प्रस्तुतिकरण किया जो सराहनीय है। साथ ही प्रकाश डाला कि एक फोटोग्राफर अन्य आम आदमी के फोटोग्राफी में क्या अन्तर है एवं अपनी कलायात्रा को अन्य कलाकारों से भी साझा किया।

विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आईपीएस संजय कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम अन्य कलाकारों के लिए प्रेरणादायक है और क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ का यह सराहनीय कदम है। क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि वर्धनी एक मासिक कार्यक्रम की श्रृंखला है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक माह केन्द्र के कुछ कार्यरत कलाकार एवं शोधार्थी अपने सृजन को कलाप्रेमियों, कलाकारों, कलाछात्रों के सामने प्रस्तुत करते हैं जिससे युवा कलाकार को कला के बारे में अधिक जानकारी मिल सके। इस अवसर पर वेणु गोपाल पाराशर, शीतान्सु गुप्त मौर्य, राजीव प्रताप सिंह, प्रेम सागर शर्मा, सौम्या अग्रहरी, ज्ञानेन्द्र मिश्रा, डाॅ. अजय पाठक, डाॅ. दीपा पाठक उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / विद्याकांत मिश्र

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