धर्मशाला, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । ”अगर मैं तिब्बत में होता” विषय पर तिब्बती स्कूली बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को लेकर 13 सितंबर को धर्मशाला में कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस कला प्रदर्शनी के लिए हिमाचल के पांच अलग-अलग स्कूलों के तिब्बती छात्रों द्वारा पेंटिंग्स बनाई गई हैं। तिब्बती बच्चों के रचनात्मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने वाली ड्रीमिंग तिब्बत कला प्रदर्शनी 13 से 19 सितंबर तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी के माध्यम से तिब्बत पर चीन के 60 से अधिक वर्षों के कब्जे के बाद तिब्बती बच्चे अपनी मातृभूमि से अलग होकर निर्वासन में बड़े हो रहे हैं, उन्होंने अपनी सोच के साथ पेंटिंग्स बनाई हैं।
खधोक संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि पहले यूथ आर्ट एंगेजमेंट प्रोजेक्ट के साथ, हमारा लक्ष्य स्कूली बच्चों को अपनी जड़ों, पहचान, सपनों और आकांक्षाओं पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह अनूठी प्रदर्शनी कलाकृतियों का एक जीवंत संग्रह लाती है जो दर्शाती है कि हमारे युवा कलाकार तिब्बत में जीवन की कल्पना कैसे करते हैं। इस प्रदर्शनी के लिए हिमाचल के पांच स्कूलों अपर टीसीवी सम्भोटा पेटोएन, टीसीवी गोपालपुर, टीसीवी सुजा और टीसीवी चौंतडा के कक्षा 6-12 के लगभग 200 तिब्बती छात्रों ने कलाकृतियां बनाई थीं।
तिब्बती और भारतीय कलाकारों की एक जूरी ने प्रदर्शनी के दौरान प्रदर्शित करने के लिए 200 में से 50 कलाकृतियों का चयन किया। छात्रों को रचनात्मक प्रक्रिया में आगे बढ़ाने के लिए इन स्कूलों में कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं। प्रदर्शनी 13 सितंबर से कांगड़ा कला संग्रहालय, कोतवाली बाजार, धर्मशाला में सुबह 11.30 बजे शुरू होगी जो 19 सितंबर तक जनता के लिए खुली रहेगी।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया