ढाका, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य 45 व्यक्तियों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को पुलिस महानिरीक्षक के पास भेज दिया है। न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने यह घोषणा आज सुबह उद्योग सलाहकार आदिलुर रहमान खान और कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल के साथ न्यायाधिकरण के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण के दौरान पत्रकारों के समक्ष की।
ढाका ट्रिब्यून की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त के विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 46 व्यक्तियों के लिए 17 अक्टूबर को जारी गिरफ्तारी वारंट को पुलिस महानिरीक्षक को भेज दिया गया है। नरसंहार में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। ट्रिब्यूनल की मुख्य इमारत में तीन नवंबर कामकाज सुचारू रूप से होने लगेगा।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, न्यायाधिकरण ने इसी तरह के कथित आरोपों के एक अन्य मामले में हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय और उनके कई पूर्व कैबिनेट सदस्यों सहित 45 अन्य लोगों के लिए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया। इनमें प्रमुख हैं- पूर्व मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, अनीसुल हक, दीपू मोनी, मोहम्मद अली अराफात, जुनैद अहमद पलक और एकेएम मोजम्मेल हक। यह गिरफ्तारी वारंट तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस एमडी गोलाम मुर्तुजा मजूमदार के नेतृत्व में जारी किया था। दो अन्य सदस्य जस्टिस शफीउल और जस्टिस मोहितुल हक इनाम चौधरी हैं। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह हसीना समेत सभी को 18 नवंबर तक न्यायाधिकरण के समक्ष पेश करे। इस बीच ह्यूमन राइट्स वॉच ने कल जारी बयान में अंतरिम सरकार से निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के अधिनियम में संशोधन करने का आह्वान किया है।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद