
जयपुर, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जीएसटी से संबंधित करीब दो हजार करोड़ रुपये के मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को एक माह में अदालत में पेश होने के लिए कहा है। जस्टिस गणेश राम मीणा ने यह आदेश पीसी पुरोहित की याचिका पर दिए।
मामले के अनुसार डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस को फर्जी फर्मों के नाम पर पैकेजिंग सामग्री की आपूर्ति करने और माल मिराज प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, नाथद्वारा को पहुंचाए जाने की जानकारी मिली। अधिकारियों ने मिराज प्रोडक्ट्स और अन्य स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में अधीनस्थ अदालत ने याचिकाकर्ता के गैर जमानती वारंट जारी किया। जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान कहा कि मामले में सीधे गैर जमानती वारंट जारी करने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी ओर केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि मामला करीब दो हजार करोड रुपये के कर से जुडा है। इसके अलावा याचिकाकर्ता जांच में सहयोग भी नहीं कर रहा है। दोनों पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यदि कोई जांच में सहयोग कर रहा हो और अदालत में पेश होने को तैयार हो, तो सीधे गैर-जमानती वारंट जारी करना उचित नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में निचली अदालत का आदेश रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया है।
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(Udaipur Kiran)
