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सूडान में युद्ध निर्णायक मोड़ पर, सेना ने रणनीतिक क्षेत्रों में बनाई बढ़त

सूडान में युद्ध निर्णायक मोड़ पर, सेना ने रणनीतिक क्षेत्रों में बढ़त बनाई

खार्तूम, 26 फरवरी (Udaipur Kiran) । सूडान में पिछले दो वर्षों से जारी भीषण युद्ध अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करोड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं। हाल ही में, सूडानी सेना (एसएएफ ने युद्ध में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करते हुए अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (आरएसएफ) के कब्जे वाले कई प्रमुख क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है।

अप्रैल 2023 में सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच सत्ता संघर्ष ने खूनी रूप ले लिया। दोनों सेनाएं 2019 के जनविरोध के बाद लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया का हिस्सा थीं लेकिन नागरिक शासन को रोकने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गईं। इसके बाद पूरा देश हिंसा और अराजकता के दौर में चला गया।

हाल के हफ्तों में सूडानी सेना ने राजधानी खार्तूम और उसके आसपास के इलाकों में बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। सेना ने व्हाइट नाइल, गजीरा और उत्तर कोर्डोफान प्रांतों में भी कब्जा कर लिया है। यह पहला मौका है जब सेना ने आरएसएफ की बढ़त को पीछे धकेलते हुए कई इलाकों में मजबूत स्थिति बनाई है।

बता दें कि इस संघर्ष के कारण 14 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं और कई इलाकों में भुखमरी का खतरा बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स को जमजम शिविर में सहायता कार्य रोकना पड़ा, जहां 5 लाख से अधिक लोग भोजन और दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं।

सेना प्रमुख जनरल अब्देल-फतह अल-बुरहान और आरएसएफ के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के बीच अब तक शांति वार्ता की कोई पहल नहीं हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि यदि सेना खार्तूम पर कब्जा कर लेती है, तो उसके अंदर भी विभाजन गहरा सकता है, जिससे संघर्ष और लंबा खिंच सकता है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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