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हरिद्वार, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । बीएचईएल में इन दिनों हरे भरे और छायादार पेड़ों पर आफत आ गई है। बीते दिनों यहां मध्य मार्ग पर एक पेड़ गिरने से हुई एक युवती की मौत के बाद जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने पुराने तथा कमजोर व गिरासू पेड़, जिनकी आयु पूरी हो चुकी हो, को काटने के निर्देश दिए थे।
जिलाधिकारी के आदेशों पर कई सूखे और पुराने पेड़ काटे भी गए, लेकिन इस बीच सैकड़ों हरे भरे, मजबूत व छायादार पेड़ों पर आरियां चला दी गई। बीएचईएल उपनगरी के मध्य मार्ग पर दिनदहाड़े यातायात डायवर्ट करके पेड़ों को काटा जा रहा है। मौके पर मौजूद बीएचईएल संपदा विभाग से जुड़े लोगों की माने तो रोजाना 20 से 21 पेड़ काटे जा रहे हैं, ये अभियान कब तक चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। आश्चर्य की बात यह है कि पेड़ों के पुराने व कमजोर होने की जांच के लिए ना तो कोई वैज्ञानिक पद्धति अपनाई गई और ना ही फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसी संस्था का सहयोग लिया गया।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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