नाएप्यीडॉ (म्यांमार), 13 दिसंबर (Udaipur Kiran) । म्यांमार में विद्रोही समूह अराकान आर्मी (एए) ने सरकारी बलों के साथ चल रहे संघर्ष के बीच रखाइन राज्य के माउंगडॉ शहर पर कब्जा कर लिया। विद्रोही समूह को यह सफलता महीनों की लड़ाई के बाद मिली। वर्ष 2021 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अपदस्थ कर हुए सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझ गया है। विद्रोही समूह अराकान आर्मी आठ महीने से अधिक समय से सक्रिय रूप से जुंटा से लड़ रही है।
बांग्लादेश की प्रमुख वेबसाइट बीडीन्यूज 24 डॉटकॉम ने आज कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए यह खबर दी। इसमें कहा गया कि 270 किलोमीटर लंबी बांग्लादेश-म्यांमार सीमा अब अब अराकान आर्मी के नियंत्रण में है। महीनों की भीषण लड़ाई के बाद विद्रोही समूह ने आठ दिसंबर को माउंगडॉ के पास अंतिम शेष जुंटा-नियंत्रित सीमा चौकी, बीजीपी-5 बटालियन पर कब्जा कर लिया। विद्रोही समूह के वीडियो में दिखाया गया है कि उनकी सेना भारी गोलीबारी के साथ चौकी को घेर रही है और म्यांमार की वायु सेना जवाबी हमला कर रही है।
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि रखाइन में कुछ रोहिंग्या-गठबंधन समूह, जिनमें अराकन रोहिंग्या आर्मी (एआरए) और अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) शामिल हैं, शुरू में जुंटा के पक्ष में थे। माउंगडॉ शहर में मिली हार को तख्तापलट के नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग के लिए एक और झटका माना जा रहा है। जून के बाद से माउंगडॉ में लड़ाई के दौरान जुंटा को भारी नुकसान हुआ है। सात दिसंबर को विद्रोही समूह ने हवाई और जमीनी हमलों को विफल करते हुए रखाइन के ऐन टाउनशिप में 30 से अधिक जुंटा सैन्य शिविरों पर कब्जा करने की घोषणा की थी। अब म्यांमार के सैनिकों ने माउंगडॉ में आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है। विद्रोही समूह अराकान आर्मी जश्न मना रही है। समूह ने दावा किया कि माउंगडॉ की घेराबंदी के दौरान 450 से अधिक जुंटा सैनिक मारे गए। इस दौरान ब्रिगेडियर जनरल थुरिन ट्यून और अन्य अधिकारियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद