Uttar Pradesh

तकनीक के जरिये एक्वाकल्चर किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी : योगेश सचान

एक्वाकल्चर के विषय में जानकारी देते योगेश सचान

कानपुर, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जलीय क्षेत्र में भी किसानों के लिए बेहतर अवसर हैं और झींगा व मत्स्य पालन कर आय का स्रोत बढ़ा सकते हैं। इसके लिए किसानों को तकनीक का सहारा लेना पड़ेगा, क्योंकि इस क्षेत्र यानी एक्वाकल्चर में तकनीक का ही अधिक महत्व है जो उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इसके लिए कई एप डेवलप किये गयें हैं जिससे किसानों को बीज की गुणवत्ता से लेकर जलीय जीवों में होने वाले रोगों की आसानी से जानकारी मिल सकेगी। यह बातें सोमवार को सीएसए के मत्स्य विज्ञान विभाग में आयोजित कार्यक्रम में ग्रोवेल कंपनी के एरिया मैनेजर योगेश सचान ने कही।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय एवं शोध केंद्र में सोमवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीन डॉ. एन के शर्मा ने मुख्य अतिथि ग्रोवेल कंपनी के एरिया मैनेजर योगेश सचान एवं स्वाति श्री नायक को बुके द्वारा स्वागत किया। स्वाति श्री नायक द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ग्लोबल लेवल पर हो रहे एक्वाकल्चर का ग्रोथ एवं अवसर के बारे में अपने विचार विधार्थियों से साझा किया। इसके साथ ही छात्रों को एक्वाकल्चर इंडस्ट्री से जुड़ने पर भी जोर दिया। एरिया मैनेजर योगेश सचान ने अपने कंपनी द्वारा लॉन्च ग्रोवेल 360 डिग्री ऐप के विभिन्न फीचर्स के बारे विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से एक्वाकल्चर किसान, विधार्थी एवं शोधार्थी फीड रेशियों से सर्वाइवल रेट्स एवं बायोमास का कैलकुलेट कर सकते है। इस ऐप के माध्यम से किसान भाई अच्छी क्वालिटी का सीड का भी चयन करने की जानकारी प्राप्त कर सकते है जो एक्वाफार्मिंग का के लिए सीड क्वालिटी का बहुत बड़ा रोल होता है।

योगेश सचान द्वारा ये भी बताया गया कि इस ऐप के माध्यम से किसान भाई तथा एक्वाकल्चर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों भारत के विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों में झींगा और फिश का क्या मूल्य है इसकी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में विधार्थियों ने अपने भविष्य से जुड़े सवाल भी पूछे कि कैसे हम एक्वाकल्चर इंडस्ट्री को और आगे ले जा सकते है। कार्यक्रम के अंत में डीन डॉ एनके शर्मा द्वारा ग्रोवेल कंपनी के एरिया मैनेजर योगेश सचान एवं असिस्टेंट मैनेजर स्वाति श्री नायक से आग्रह किया भविष्य में फिशरीज कॉलेज इटावा में कैंपस इंटरव्यू कराए जिससे विधार्थी भी एक्वाकल्चर इंडस्ट्री को और ऊंचाई पर ले जाने का काम करे। इस बात को कंपनी द्वारा आश्वासन दिया गया कि हम भविष्य में फिशरीज कालेज इटावा में कैंपस इंटरव्यू जरूर करेंगे। इस कार्यक्रम में फिशरीज महाविद्यालय के शिक्षक डॉ अजीत सोनी, बादल यादव एवं डॉ अरुण कुमार के साथ कॉलेज के समस्त विद्यार्थी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह

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