कोलकाता, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में कोलकाता में एक स्वतंत्र ट्रस्ट को रैली करने की सशर्त अनुमति दी है। यह अनुमति गोवर्धन गिरी चैरिटेबल ट्रस्ट को दी गई है, जिसने कोलकाता पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने तर्क दिया कि सप्ताह के व्यस्त दिनों में तीन हजार से अधिक लोगों की रैली से मुख्य कार्यालय क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम हो सकता है। इसके जवाब में ट्रस्ट के वकील ने तर्क दिया कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी को रैली करने की आसानी से अनुमति दी जाती है, जबकि अन्य संगठनों को इससे वंचित रखा जाता है। ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि वे कम से कम लोगों को शामिल करेंगे और रैली के बाद एक छोटा प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश के कोलकाता स्थित उप उच्चायोग में ज्ञापन सौंपेगा।
इस पर न्यायमूर्ति तिर्थंकर घोष ने फैसला सुनाया कि 500 से 650 लोगों की सभा को रैली की अनुमति दी जाएगी। रैली पार्क सर्कस मैदान में आयोजित की जाएगी, जो बांग्लादेश के उप उच्चायोग के पास स्थित है, और पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को उप उच्चायोग में ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी जाएगी।
बांग्लादेश में हाल के महीनों में स्थिति अस्थिर रही है। जुलाई और अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके चलते शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी। हिंसा नए अंतरिम सरकार के नेतृत्व में भी जारी रही, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस शामिल हैं। हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे भारत सरकार ने भी चिंता जताई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर