मुरादाबाद, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । कारखाने की परिधि में आने वाले प्रतिष्ठानों के मानचित्र, लाइसेंस जारी करने, संशोधन और नवीनीकरण का कार्य अब मैनुअल नहीं होगा। यह फेसलेस और आनलाइन किया जाएगा। सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस नीति के तहत यह शुरुआत की गई है।
सहायक निदेशक (कारखाना) अमित कुमार ने गुरुवार को बताया कि कारखानों के मानचित्र का अनुमोदन, संशोधन और नवीनीकरण अब आनलाइन प्रारंभ हो गए हैं। साथ ही आनलाइन माध्यम से ही कारखानों के लाइसेंस भी जारी होंगे। इसके लिए पोर्टल शुरू हो गया है। सहायक निदेशक ने आगे बताया कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की दिशा में पारदर्शी व्यवस्था तैयार की गई है। आनलाइन माध्यम से ऑटोमोड स्वतः लाइसेंस नवीनीकरण की व्यवस्था शुरू की है। रिटर्न भरने में, कारखाना स्थाई अथवा स्थाई बंद होने पर सूचनाएं प्रेषित करने को ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध है। कारखानों के लाइसेंस भी ऑनलाइन नवीनीकरण किए जाएंगे। उद्यमियों को लाइसेंस अवधि खत्म होने के दो माह पहले ही एसएमएस व मेल के माध्यम से जानकारी प्रदान की जा रही है। इस मैसेज के मिलने पर ही उद्यमी ऑनलाइन शुल्क जमाकर स्वयं नवीनीकरण कर सकते हैं।
दस्तावेज तथा सूचनाएं भेजने की प्रक्रिया सुविधाजनक है:
सहायक निदेशक कारखाना ने बताया कि अब पोर्टल के माध्यम से ऑटोमेटेड मोड में लाइसेंस नवीनीकरण की व्यवस्था शुरू की गई है। साथ ही कारखाने की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले विभिन्न दस्तावेजों तथा सूचनाएं भेजने की प्रक्रिया को भी सुविधाजनक बनाया गया है। अब कारखाना अधिनियम-1948 के अंतर्गत प्रपत्र 11, वार्षिक रिटर्न के प्रपत्र-21 एवं अर्द्धवार्षिक रिटर्न के प्रपत्र-22 को ऑनलाइन कर दिया गया है। साथ ही कारखाने के अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से बन्द होने संबंधी सूचनाओं को प्रस्तुत करने के संबंध में भी व्यवस्थाओं को ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है। उद्यमी विभागीय पोर्टल पर लॉगइन कर सूचनाएं बिना कार्यालय गए हुए भेज सकेंगे।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल