कोकराझार (असम), 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) ने गुरुवार को टेट उत्तीर्ण नौ सौ अभ्यर्थियों को शिक्षक
पद के नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
बीटीसी मुख्यालय शहर कोकराझार स्थित बोडोफा सांस्कृतिक परिसर में एक मेगा शिक्षक भर्ती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में
बीटीसी के मुख्य कार्यकारी पार्षद प्रमोद बोडो ने टेट उत्तीर्ण चयनित नौ सौ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस समारोह में बीटीसी कार्यकारिणी सदस्य रंजीत बसुमतारी, दिगंता बरुवा, वकील मुसाहारी, दाउबाइसा बोडो, धर्म नारायण दास ने भाग लिया। कार्यक्रम में बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोडो ने अपनी परिषदीय प्रशासन के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद पहली बार एलपी और एमई स्कूलों के नौ शिक्षकों को बीटीसी में नियुक्त किया गया है। बरमा में भी आज ही 314 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और कुशल विशेषज्ञ समितियों का गठन कर शिक्षकों का चयन किया गया है। बीटीसी के बाहर के केवल छह हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि इसीलिए बीटीसी के बाहर के शिक्षकों की नियुक्ति की गई है कि हिंदी शिक्षकों के पद वर्ष 2017 से खाली पड़े हैं।
बोडो ने कहा कि बीटीआर समझौते के आधार पर खंड 6.3 के अनुसार बीटीआर में दस कॉलेजों को पहले ही प्रांतीय बनाया जा चुका है और कुछ उच्चतर माध्यमिक स्कूलों, प्राथमिक, मध्य अंग्रेजी और हाई स्कूलों को प्रांतीयकरण के लिए चुना गया है। असम सरकार इसे अगले बजट में शामिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, उनको मैं कुछ नहीं कहूंगा। कारण वे भी इसको अच्छी तरह से समझते हैं। बीटीसी प्रमुख ने उम्मीद जताई कि वह गैर-प्रांतीय शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों के मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा चल रही है, ऐसे में सरकार के साथ होने वाली चर्चा का समर्थन करेंगे। बोडो ने कहा कि विशेषज्ञ समिति और बीटीसी सचिव अमर ज्योति बर्मन ने सोशल मीडिया पर प्रकाशित गलतियों को स्वीकार करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को स्पष्टकर चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि वंचित अभ्यर्थियों ने योग्य और कुशल शिक्षकों के चयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था और गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की है। वंचित उम्मीदवारों ने जांच असम के शीर्ष पुलिस अधिकारी सुरजीत सिंह पानेश्वर से कराने की मांग की थी।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय सक्सेना