माताओं से बच्चों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक छोड़ने के लिए प्रेरित करने का अनुरोध
कोलकाता, 5 जून (Udaipur Kiran) । विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल की पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने गुरुवार को माताओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग से दूर रहने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने में माताएं अहम भूमिका निभा सकती हैं।
कोलकाता में स्कूली छात्रों की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री चंद्रिमा ने कहा, हमें प्लास्टिक बैग के उपयोग और प्रसार पर रोक लगाने के लिए जनजागरूकता बढ़ानी होगी। इसके लिए माताएं सबसे अधिक प्रभावशाली हो सकती हैं, क्योंकि वे बच्चों को इस दिशा में प्रेरित कर सकती हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए जूट और कपड़े जैसे बायोडिग्रेडेबल पदार्थों से बने बैग के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। चंद्रिमा ने यह भी चेतावनी दी कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग से जलाशयों की गंदगी और नालियों की जाम की समस्या बढ़ती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखे और संगीतबद्ध किए गए एक बांग्ला गीत का वीडियो भी साझा किया गया, जिसे प्रख्यात गायक रूपंकर बागची ने गाया है। गीत की शुरुआत होती है— हरियाली बचाओ, हरियाली दिखाओ / हरियाली के बीच विवेक जगाओ।
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यभर के पांच हजार सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में ‘बीट द प्लास्टिक’ अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत स्कूल परिसरों में कई कूड़ेदान लगाए जाएंगे और एक निर्धारित समय के बाद एकत्रित प्लास्टिक की मात्रा की जांच की जाएगी। सबसे अधिक प्लास्टिक एकत्रित करने वाले स्कूल को पुरस्कृत किया जाएगा।
डब्ल्यूबीपीसीबी के चेयरमैन और पर्यावरण वैज्ञानिक कल्याण रुद्र ने अपने संबोधन में कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सौ वर्ष पहले ही प्रदूषण के खतरे की आशंका जताई थी, जब ‘पीएम 2.5’ और ‘पीएम 10’ जैसे शब्द प्रचलन में नहीं थे। उन्होंने कहा, अगर हम अब भी नहीं जागे, तो प्रकृति हमें समय रहते चेतावनी देगी और उसकी प्रतिक्रिया गंभीर हो सकती है।
उन्होंने बताया कि डब्ल्यूबीपीसीबी पर्यावरण संबंधी जन-जागरूकता कार्यक्रमों को कोलकाता नगर निगम जैसे स्थानीय निकायों के साथ मिलकर संचालित करता है। साथ ही, प्रदूषण संबंधी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए बोर्ड द्वारा ‘परिबेश’ मोबाइल ऐप का भी उपयोग किया जाता है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
