West Bengal

बंगाल के अनुराग मजूमदार को मिला ‘एजुग्राफ 18 अंडर 18 अवार्ड’

अनुराग

कोलकाता, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम कादीपुर (जिला बीरभूम) के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले कक्षा छह के छात्र अनुराग मजूमदार ने अपनी प्रतिभा, लगन और नवोन्मेषी सोच से पूरे पूर्वी भारत को गर्व महसूस कराया है। दक्षिण कोलकाता स्थित साउथ सिटी इंटरनेशनल स्कूल सभागार में आयोजित ‘एजुग्राफ 18 अंडर 18 अवार्ड्स 2025’ समारोह में अनुराग को इन्वेटर की श्रेणी में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस वर्ष के संस्करण में पूर्वी भारत के 500 से अधिक विद्यालयों से कुल 4000 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे। इस कड़ी प्रतिस्पर्धा में अनुराग पहले शीर्ष 50 फाइनलिस्ट में स्थान पाने में सफल रहा। इसके बाद देश के जाने-माने विशेषज्ञों की टीम ने ऑनलाइन इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू की, जिसमें अनुराग ने अत्यंत आत्मविश्वास के साथ अपनी परियोजनाएं प्रस्तुत कीं।

इस चयन प्रक्रिया में इंटरव्यू लेने वालों में प्रमुख रहे देश के विख्यात न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. सुमंत्र चटर्जी, जिन्होंने आईआईटी कानपुर से फिजिक्स में मास्टर्स और अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स तथा सैल्क इंस्टीट्यूट से न्यूरोसाइंस में पीएचडी की है। येल और एमआईटी जैसे संस्थानों से पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च करने के बाद वे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बेंगलुरु के अंतर्गत नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज में स्वतंत्र शोध प्रयोगशाला चला रहे हैं।

अनुराग की प्रमुख खोज है — “रुद्रालाभ्यम” ह्यूमन सिक्योरिटी अलर्ट एंड रेस्क्यू सिस्टम। यह एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित तकनीक है, जिसे महिलाओं की सुरक्षा और आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

सिर्फ इतना ही नहीं, अनुराग ने मात्र आठ वर्ष की उम्र में एक अद्वितीय फ्लिप चार्ट तैयार किया था, जिसमें उपपरमाण्विक कणों की संरचना को ‘शिवलिंग’ की आकृति में चित्रित किया गया है। यह प्रयोग विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को भारतीय आध्यात्मिक सोच से जोड़ता है। इस अनोखे विचार के लिए अनुराग को वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष सम्मानपत्र से नवाजा गया था।

पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. शशि थरूर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने भीतर झांको, अपनी मौलिकता को पहचानो और उसे अपनाओ—सफलता स्वयं चलकर आएगी।”

इस पुरस्कार समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित हस्तियों ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख थे मनोचिकित्सक डॉ. जयरंजन राम, नृत्यांगना तनुश्री शंकर, संगीतकार विक्रम घोष और शतरंज ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ।

कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया, जब 18 वर्ष से कम आयु के 18 विशिष्ट युवाओं के नाम घोषित किए गए। उन्हीं में शामिल था 11 वर्षीय अनुराग, जिसने एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आकर राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

अपने उद्गार व्यक्त करते हुए अनुराग ने कहा, “मैं बड़ा होकर भारत मां की सेवा करना चाहता हूं। मेरी ख्वाहिश है कि मैं इसरो या डीआरडीओ में काम करूं, ताकि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ा सकूं।”

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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