Madhya Pradesh

अनूपपुर: विषेश: महिला समूह की मेहनत रंग लाई,चावल-बिस्किट के बाद अब कोदो की नमकीन बाजार में 

स्‍टाल में कोदो उत्‍पाद 01
कोदो स्‍टाल में देखते लोग
कोदो बिस्‍कट का स्‍टाल
काेदाे नमकीन

कोदो पास्ता भी शीघ्र होगा उपलब्ध

अनूपपुर, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । केंद्र और राज्य सरकार मोटे अनाजों को बढ़ावा देते हुए इसे श्रीअन्न का नाम दिया हैं। जिसमें कोदो को मोटे अनाज का राजा कहा जाता हैं। कोदो से अनूपपुर जिले की महिलाओं की किस्मत बदल रही है। बड़ी संख्या में महिलाएं कोदो के विभिन्न उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 3 दिन के अंदर 10 हाथियों की मृत्यु पर हुई जांच कोदो को जिम्मेदार बताया गया,जांच में कहा गया कि कोदो खाकर ही हाथी बीमार हुए और फिर मौत के शिकार हो गए। इस प्रकार के तथ्य आने के बाद कोदो की बहुत बदनामी हुई और लोगों में भी कोदो को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हैं।

महिलाओं की आय का बड़ा साधन बना कोदो

कोदो इन दिनों कुछ लोगों के लिए आय का बड़ा साधन है, वैसे तो सैकड़ों सालों से अनूपपुर क्षेत्र में कोदो की खेती हो रही है, लेकिन अब कोदो से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं। कोदो के उत्पादो को अलग पहचान मिल रही है। ज्ञात हो कि अनूपपुर जिले में कोदो को एक जिला एक उत्पाद में चुना गया है। जिले में कोदो का रकबा भी बढ़ाया जा रहा है अब यही कोदो अनूपपुर जिले की महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। महिलाएं इस कोदो से तरह-तरह के उत्पाद तैयार कर अपनी आजीविका चला रही हैं और अपने आय का प्रमुख साधन बना चुकी हैं।

कोदो के उत्पाद बनाने वाले समूह की महिलाएं बताती हैं कि अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में कोदो के कई उत्पाद तैयार किए जा रहें हैं। इसे बाजार में बेचते भी हैं, जिसकी अच्छी खासी डिमांड है। इस पर पूरा समूह कार्य कर रहा है। कोदो से हम लोग कोदो चावल बनाते हैं, उसकी पैकिंग करते हैं और उसे बेचते हैं इसके अलावा कोदो से बिस्किट और नमकीन बनाते हैं। कुछ दिन बाद कोदो का पास्ता भी बाजार में उपलब्ध करायेंगे।

समूह की महिलाओं ने बताया कि पूरा समूह हैं जिसमें चावल बनाने से लेकर पैकिंग और बिक्री के कार्य के लिए 8 लोगों की टीम काम करती हैं। बिस्किट में 6 लोगों की टीम है, इसके अलावा नमकीन में 4 से 5 लोग रहते हैं। इन सभी महिलाओं के आय का प्रमुख साधन कोदो बन चुका है। पहले वो आजीविका चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहा करती थीं, लेकिन अब वह खुद घर से काम कर रही हैं आय भी ठीक हो रही हैं। उन्होंने बताया कि इसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है लोग उनसे कोदो चावल, बिस्किट और कोदो नमकीन खरीदने की मांग करते हैं फिलहाल इतना उत्पाद तैयार नहीं कर पा रहे हैं, जिसे बड़े बाजार में बेच सकें। कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा उत्पाद तैयार करें।

कोदो से सुधरती आय

कोदो चावल प्रसंस्करण उपरान्त वर्ष अप्रैल 2023 से अभी तक कुल 233 क्विंटल कोदो विक्रय किया जा चुका है। प्रति किलो लगभग 19 रूपयें की शुद्ध आय समस्त खर्चो को काटकर हो जाती है। इससे प्रसंकरित कोदो मिलेट से लगभग 4.42 लाख रुपये की शुद्ध आय हो चुकी है। इसी प्रकार कोदो से निर्मित बिस्कुसट का वर्ष सितम्बर 2023 से उत्पा द प्रारंभ हुआ अभी तक कुल 177 क्विंटल कुकीज का विक्रय अभी तक किया जा चुका है, प्रति किलोग्राम लगभग 09 रुपये की शुद्ध आय समस्त खर्चो को काटकर हो जाती है, इस प्रकार कुकीज से 1.59 लाख की आय हो चुकी है। वहीं सहायक उत्पाद के रूप में कोदो नमकीन से सितम्बर 2024 से अभी तक 13 क्विंटल नमकीन का विक्रय कर 78 हजार रुपये का लाभ अर्जित किया गया है।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अमाजान में बिक्रय

स्थानीय बाजारो के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अमाजान (amezon) पर भी बिक्री हेतु उपलब्ध है। कोदो बिक्रय शहडोल,अनूपपुर के कलेक्ट्रेट स्टाल, जनजातीय कार्य विभाग के छात्रावासों, एमपीटी अमरकण्टक, नर्मदा मंदिर अमरकंटक, पुष्पराजगढ़ के ग्राम कोहका इकाई एवं स्थानीय बाजार में नियमित रूप से सप्लाई की जा रही है। साथ ही साथ ही विभिन्न हाट बाजार में भी समूह की दीदियों के माध्यम से बिक्री की जा रही है। कोदो कुकीज़ की ज्यादातर आपूर्ति महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत आंगनबाड़ियों में की जा रही है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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