Madhya Pradesh

अनूपपुर: वरिष्ठ पत्रकार दंपती पर हमले के बाद नाती का नदी में संदिग्ध अवस्थाब में तैरता मिला शव

आशीष का जीवित अवस्था का चित्र, तैरता शव

अनूपपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे व उनकी पत्नी पर हुए हमले के तीन दिन बाद सोमवार को उनके बड़े नाती आशीष दुबे का जोहिला नदी में तैरता हुआ मिला है। फिलहाल पुलिस यदुवंश दुबे पर किए गए हमलवारों को ढूंढने तथा आशीष की मृत्युय के कारणों की जांच में जुटी हुई है।

राजेन्द्रग्राम निवासी वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे व उनकी पत्नी पर 5-6 नवम्बर की रात 2 बजे दो नाकाबपोश द्वारा घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 115(2), 331(6)बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है, जिसमें कई संदिग्धों से पूछताछ भी जारी है। घटना के तीन दिन बाद 8 नवम्बर की रात लगभग 8.30 बजे वरिष्ठ पत्रकार यदुवंश दुबे का 18 वर्षीय नाती आशीष दुबे पुत्रा स्व. अनिल दुबे के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सोमवार को दोपहर में राजेन्द्रग्राम रेस्ट हाउस के पीछे जोहिला नदी में उसका शव तैरता हुआ मिला। सूचना के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मन्सूरी सहित एसडीओपी एवं राजेन्द्रग्राम पुलिस मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए पंचनामा तैयार करते हुए शव को पोस्टमार्डम के लिए राजेन्द्रग्राम अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टपमार्डम उपरांत शव परिजनों को सौंपते हुए पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है।

चाचा अमित दुबे को मिला सोसाइट नोट

जांच के दौरान मृतक के चाचा अमित दुबे को आशीष के कमरे में एक सोसाईट नोट मिला, जिसे मृतक के चाचा ने उक्त सोसाईट नोट पुलिस को दिया गया, पुलिस ने 6 पेज के सोसाईट नोट को जब्त कर लिया। सोसाईट नोट में आशीष दुबे ने अपने पिता स्व. अनिल दुबे की मृत्यु के बाद घर के बिगड़े महौल से काफी परेशान था। सोसाईट नोट मिलने के बाद आशीष दुबे ने स्वयं अपनी आत्महत्या किए जाने के कारणों का लेख किया गया है। पूरे मामले में अपने पिता की मौत के बाद से पूरे घर का माहौल बिगड़ जाने तथा घर में छोटी मोटी बातों को लेकर हो रही लड़ाईयों से काफी परेशान होना तथा कई बार आत्महत्या का प्रयास करना लेख है। इतना नही नही आशीष ने पापा के जाने के बाद अपने आप को परिवार से दूर जाने की सोच रखते हुए सोसाईट नोट लिख कर आत्महत्या करने का मामला पूरे अनूपपुर जिले के लिए हैरान वा चकित कर देने वाला है। पुलिस द्वारा बताया गया कि जब्त सोसाईट नोट के जांच के लिए उसे हैंडराईटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा।

दादा-दादी पर हुए हमले पर सबूत से छोड़छाड़

सोसाईट नोट में दादा-दादी, मम्मी और छोटे भाईयों को रोते देखकर मुझसे सहा नही जाने, मुझसे कोई नाता नही रखने तथा मुझे मेरी गलतियों की सजा मिले, इसलिए मेरे द्वारा अपने दादा-दादी पर हुए हमले के हर सबूत को अपनी ओर कर दिया, जिससे पुलिस मुझे टॉर्चर कर मार डाले। सोसाईट नोट में आशीष ने लिखा की सबसे पहले मैने कैंची और चाकू छुआ, जिससे मेरे निशान और डीएनए आ जाए। कैंची को मैने पोछा था, मेरा गोल्डल शर्ट जिसे मैने पहला था उसके हाथ का बटन तोड़ कर फेंका था। शर्ट को गायब करना तथा मेरे चेहरे पर निशान आना तथा हाथ पर कट का निशान सब मैने जानबुझकर किया था। कपड़े में गांठ बांधकर उसमें खून लगाकर उसे मैने ही सार जाने वाली गली में फेंका था। ब्लेड से अजीबों गरीब कट लगाए जिससे शक मेरे ऊपर आये। ये सब मैने तब किया जब पूरा परिवार अस्पताल और चाचा के घर चले गये थे, जब वारदात वाली जगह 1 घंटे अकेला था। सोसाईट नोट में उसने अपने दादा-दादी पर हमला करने वाले लोग पकड़े जाने चाहिए, जो दोनो लोग पीछे से स्कूटी से भागे थे।

रिश्तेदारों के कारण हुई पापा की मौत

सोसाईट नोट में लिखा गया कि सबसे बड़ी जी का जंजाल रिश्तेदारी है, जितना परेशान बाहर के लोग नही करते उतना रिश्तेदार ही उनका काम कर देते है। कब तक चुप रहॅू, पापा की मौत भी इन्ही रिश्तेदारों के वजह से हुई है। जहर खाया था उन्होने, एक ही बार में सभी से छुटकारा पा लिया। मेरे नजर में उन्होने अच्छा किया, कम से कम इतना लोगो से चार बाते सुनने से अच्छा है की एक ही बार में सभी से छुटकारा पा जाओं। मै होता तो काई रिश्तेदार मेरे घर में कदम तक नही रखने देता। उसने अपने सेन्दुरी और शहडोल वाले लोगो पर घर के नाश वा टार्जर का कारण बताया। जिसके बाद मैने 3-4 महीने से किसी रिश्तेदार को अपने से फोन लगाना बंद कर दिया।

सोसाईट नोट पुलिस ने किया जब्त, जांच जारी

पुलिस अधीक्षक मोती उर्र रहमान ने बताया कि पूरे मामले में आशीष द्वारा लिखे गए सोसाईट नोट को जब्त कर लिया है। पुलिस सभी पहलुओं पर नजर रखे हुए है। साथ ही यदुवंश दुबे पर हुए हमलावरों की पतासाजी की जा रही है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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