Madhya Pradesh

अनूपपुर: अभियान चला शिविर लगाकर पात्र व्यक्तियों को दिलाएं रोजगार एवं मुआवजा- कलेक्टर

एसईसीएल की जिला पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना समिति की बैठक
आमाडांड खुली खदान का निरीक्षण करते

अनूपपुर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । कोल इंडिया पुनर्वास नीति एवं मध्यप्रदेश पुनर्वास नीति के अंतर्गत रोजगार एवं भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा पात्र व्यक्ति को अभियान चलाकर कैंप के माध्यम से रोजगार एवं मुआवजा दिलाया जाए। विवादित अधिग्रहीत भूमि को छोड़कर सभी भू स्वामियों को पात्रता के अनुसार मुआवजा देने की कार्यवाही शीघ्र ही प्रारंभ किया जाए। रोजगार संबंधी जो भी शिकायतें प्राप्त होती है, उसे प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए।

यह बात बुधवार को कलेक्टर हर्षल पंचोली की अध्यक्षता में अनूपपुर जिले के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड जमुना कोतमा क्षेत्र की जिला पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना समिति की बैठक में एसईसीएल के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहीं। भालूमाड़ा गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में कलेक्टर को पूर्व में सम्पन्न बैठक की कार्यवाही से अवगत कराया गया तथा रोजगार एवं पुनर्वास के प्रकरणों के प्रगति के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोतमा अजीत तिर्की, जनरल मैनेजर एसईसीएल कोतमा एच.एस.मदान, सब एरिया मैनेजर विपिन कुमार, उप महाप्रबंधक डी.के. रघुवंशी सहित एसईसीएल के अन्य अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एसईसीएल के अधिकारियों द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि आमाडांड़ खुली खदान परियोजना हेतु सीबीए एक्ट के तहत 605 लोगों को रोजगार स्वीकृत किया गया था जिसमें 75 लोगों को अभी तक रोजगार मुहैया कराया गया है तथा 429 लोग रोजगार हेतु शेष है। इसी प्रकार एलए एक्ट के अंतर्गत अर्जित भूमि के तहत 870 रोजगार स्वीकृत है, जिनमें से 668 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है तथा 202 लोगों के रोजगार के प्रकरण अभी लंबित हैं। जिनमें कुछ प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है एवं कुछ प्रकरणों पर पारिवारिक विवाद होने के कारण सामंजस्य की स्थिति नहीं बनने से भी रोजगार मुहैया नहीं कराया जा सका है।

कलेक्टर ने ग्रामवार विस्थापन की अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। जिस पर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आमडांड़ खुली खदान परियोजना के अंतर्गत ग्राम टिमकीटोला, निमहा एवं कोहका के कुल 655 में से 410 परिवारों को विस्थापन की राशि मुहैया कराई जा चुकी है तथा शेष 245 परिवारों के विस्थापन की राशि के प्रकरण शेष है, जो नामांकन, बंटवारा, नक्शा तरमीम एवं आपसी विवाद के कारण लंबित है। जिस पर कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोतमा को प्रकरणों का निराकरण कर एसईसीएल को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने एसईसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसईसीएल के हैवी वाहन जो एमपीआरडीसी एवं पीएमजीएसवाय की सड़क पर चलते हैं तथा उसके कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होता है, उन सड़कों को चिन्हित कर जानकारी कलेक्टर कार्यालय में प्रेषित करें तथा सड़क मरम्मत कार्य का कार्ययोजना बनाकर सड़क को दुरुस्त कराया जाए। जिससे लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा मुहैया हो सके। कलेक्टर ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा कर समस्याओं एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।

पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान ने एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु मानक उपकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा निर्देशित किया कि कोल खदान में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम होने चाहिए। इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक ने कोयला खदानों की सुरक्षा व्यवस्था, कॉलरी में कार्य कर रहे प्रत्येक व्यक्ति के प्रमाणित दस्तावेज, डिजास्टर मैनेजमेंट, फायर सेफ्टी सहित अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए।

आमाडांड खुली खदान का किया निरीक्षण

कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने आमाडांड़ खुली खदान का निरीक्षण कर खदान में किए जाने वाले कोयला उत्खनन, आधुनिक मशीनों के माध्यम से सतह स्तरीय माइनिंग की प्रक्रिया, डम्फरों और माल गाड़ी के माध्यम से कोयले का परिवहन सहित कोयले का भण्डारण, साइलो और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही खदान के व्यू पॉइंट से माइन्स की गतिविधियों को देखने के अलावा एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कोयला खदानों में हैवी ब्लास्टिंग पर नियंत्रण रखने और अति आवश्यक होने पर सीमित ब्लास्टिंग के निर्देश दिए। इसके साथ ही परियोजना के विस्तार, पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे उपाय,पौधरोपण, सीएसआर गतिविधियों, भू-अर्जन, राजस्व प्रकरण, पुनर्वास एवं रोजगार प्रकरणों से सम्बंधित समस्याओं एवं समाधान पर चर्चा किया।

निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा के मापदण्डों, माईन्स के संचालन के लिए उपयोग की जा रही टेक्नालाजी तथा अन्य कार्यों के संबंध में अधिकारियों से विचार-विमर्श करते हुए जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कोयले की गुणवत्ता के संबंध में जानकारी प्राप्त की। तथा खदान में कार्य कर रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी भी प्राप्त की।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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