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हिसार : मजदूरों को पीटने व अमानवीयता मामले में आरोपित सतीश की अग्रिम जमानत खारिज

अदालत का लोगो।

हिसार, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बरवाला क्षेत्र के गांव बनभौरी में नवरात्र मेले के दौरान दो प्रवासी मजदूरों से मारपीट करने और वसूली के मामले में मुख्य आरोपित ठेकेदार सतीश की अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र खारिज हो गया है। शुक्रवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ईशा खत्री की कोर्ट ने सुनवाई के बाद सतीश की अर्जी खारिज कर दी।

गांव बनभौरी में नवरात्र मेले के दौरान मजदूरी करने आए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दो प्रवासी मजदूरों से मारपीट करने

और वसूली के मामले में ठेकेदार सतीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पीड़ित मजदूरों की ओर से एडवोकेट बजरंग इंदल ने कोर्ट में पेश होकर दलीलें प्रस्तुत की। कोर्ट ने सबूतों और तथ्यों पर गौर करने के बाद केस के मुख्य आरोपित सतीश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

मामले के अनुसार 11 मजदूर बरवाला के गांव बनभौरी स्थित माता मंदिर के मेले में ठेकेदार सतीश के बुलावे पर उसकी दुकानों का प्रसाद बेचने की दिहाड़ी पर नवरात्र के दौरान आए थे। उन्हें एक हजार रुपये प्रति मजदूर प्रतिदिन की दिहाड़ी तय की गई थी। नवरात्र पूरे होने पर मजदूरों ने ठेकेदार से अपना हिसाब मांगा तो बात बिगड़ गई। आरोप है कि ठेकेदार और उसके पुत्र सहित करीब 15 लोगों ने मिलकर इन मजदूरों को एक कमरे में बंधक बना लिया और उन्हें उल्टा लटकाकर अमानवीय यातनाएं दीं। मजदूरों को बंधक बनाकर उनके घरों में फ़ोन करके 50-50 हजार रुपये सतीश ठेकेदार और इसके आदमियों ने मांगें। ठेकेदार और इसके आदमियों के डर के मारे दो मजदूरों ने पांच-पांच हजार रुपये ठेकेदार के आदमियों के खाते में यूपी से ट्रांसफर कर दिए।

बाद में पीड़ित मजदूरों के परिजनों और बरवाला पुलिस ने मिलकर मौके से बंधकों को मुक्त कराकर बरवाला और फिर हिसार

के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। मजदूरों की शिकायत पर बरवाला पुलिस ने सतीश ठेकेदार सहित पांच नामजद और अन्य आठ-दस लोगों पर मुकदमा दर्ज कर किया और मामले के चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि आरोपितों ने मिलीभगत कर बरवाला थाने की महिला पुलिसकर्मी की ओर से पीड़ित 11 मजदूरों के खिलाफ छेड़छाड़ और स्नैचिंग का केस दर्ज करवा दिया। यह मामला पुलिस जांच में झूठा पाया गया। अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे मुख्य आरोपित सतीश ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में सोमवार को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

एडवोकेट इंदल ने कहा कि न्यायालय का यह फैसला पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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