जयपुर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर-फुलेरा तहसील के हिरनोदा में रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए 565 खेजड़ी सहित कुल 617 पेड़ काटने की कार्रवाई शुरू करने पर मुख्य सचिव, पर्यावरण निदेशक, अतिरिक्त कलेक्टर और सांभर लेक के एसडीओ व तहसीलदार सहित विकासकर्ता फर्म से जवाब तलब किया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश मेरीडियन फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत हिरनोदा में मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाया जाना प्रस्तावित है। यह टर्मिनल हस्ती पेट्रो केमिकल एंड शिपिंग लि. की ओर से बनाया जा रहा है। जिस जमीन पर यह टर्मिनल बनाया जाएगा, वहां राज्य वृक्ष खेजड़ी के 565 सहित कुल 617 हरे पेड़ मौजूद हैं। इन्हें हटाने के लिए कंपनी की ओर से सांभरलेक के उपखंड अधिकारी को प्रार्थना पत्र पेश कर अनुमति मांगी गई। वहीं गत 4 जुलाई को एडीएम ने इन पेड़ों को काटने की सशर्त अनुमति दे दी। इसमें एक शर्त यह भी थी कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले दस फीट ऊंचाई के पांच गुणा पेड़ लगाएगी। याचिका में कहा गया कि पेडृ काटने की अनुमति देने से पहले ऐसा कोई विकल्प नहीं तलाशा गया, जिससे कम से कम पेड़ काटे जा सकते हो। इसके अलावा पेड़ काटने की अनुमति पांच गुणा यानी की 3085 पेड़ लगाने की शर्त पर दी गई थी। जबकि तहसीलदार ने 7 अगस्त को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से पांच सौ पेड़ लगाने की जानकारी दी गई। याचिका में गुहार की गई कि पेड काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन की ओर से पेड़ काटने के लिए जारी नीलामी आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
(Udaipur Kiran)