जयपुर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर की एमएसीटी कोर्ट के कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए डीपीसी नहीं करने से जुडे मामले में प्रमुख विधि सचिव और एमएसीटी ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी से जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश दीपक भंडारी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकार्ता एमएसीटी ट्रिब्यूनल में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है। प्रमुख विधि सचिव ने 16 सितंबर 2022 को एमएसीटी ट्रिब्यूनल में काम कर रहे कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए डीपीसी करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद अब तक डीपीसी आयोजित नहीं की गई और उसे पदोन्नति का लाभ नहीं मिला। जबकि याचिकाकर्ता ट्रिब्यूनल में 2017 से कनिष्ठ सहायक के पद पर काम कर रहा है और पदोन्नति की वरिष्ठता सूची में शामिल है। वहीं वरिष्ठ सहायक का पद भी कई सालों से खाली चल रहा है। उसने खाली पदों पर डीपीसी के लिए विभाग को भी प्रतिवेदन दिया था, लेकिन उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए खाली पद पर पदोन्नति के लिए डीपीसी करवाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)