बिजनौर, 07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । जिले में दहशत का पर्याय बने गुलदार के हमलाें के बीच शनिवार की सुबह राहत भरी रही। यहां हल्दौर क्षेत्र के गांव जलालपुर हसना में वन विभाग द्वारा एक और गुलदार को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया है। 15 दिनों में वन विभाग ने यह चौथी सफलता है जब गुलदार काे रेस्क्यू किया है।
बिजनौर-चांदपुर रेंज की सीमा पर स्थिति विकास खंड हलदौर के गांव जलालपुर हसना में एक व्यक्ति पियूष उर्फ़ पिंकी की गुलदार हमले में मृत्यु हो गई थी। उक्त क्रम में जनहानि कारित करने वाले गुलदार को पकड़ने व जनआक्रोश को शांत करने के उद्देश्य से जलालपुर हसना में अस्थाई कैंप लगाकर वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में 31 अगस्त को इसी ग्राम पंचायत के ग्राम सल्लाहपुर से एक नर गुलदार का सफल रेस्क्यू कर उसके प्रकृतिवास में अवमुक्त किया गया। परन्तु ग्रामीणों व गुलदार के ट्रैकिंग में लगी टीमों द्वारा इसी गांव में एक अन्य गुलदार दिखाई पड़ने की सूचनाएं मिलने पर वन विभाग द्वारा गांव जलालपुर में ट्रैप केज लगाकर लगातार निगरानी कराई जा रही थी। वन विभाग की यह प्लानिंग सफल साबित हुई और एक मादा गुलदार आज सुबह प्रातः 5.30 बजे जलालपुर हसना में लगे पिंजरे में सुरक्षित आ गई। वन विभाग के रेंजर करन सिंह ने बताया कि एक गुलदार पिंजरे में सफलता पूर्वक फंस गया है। जिसे रेस्क्यू कर बिजनौर रेंज की बिजनौर नर्सरी में ले जाया गया है।
उल्लेखनीय है कि जनपद बिजनौर में गुलदारों का आतंक इस कदर व्याप्त है कि ग्रामीण खेतों में समूह बनाकर जा रहे हैं। अब तक डेढ़ वर्ष के भीतर गुलदार 25 लोगों से अधिक को मार चुके हैं। वहीं वन विभाग द्वारा भी लगभग 80 गुलदारों को रेस्क्यू किया जा चुका है। पिछले दिनों वन राज्य मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने बिजनौर में अधिकारियों के साथ इस संबंध में मीटिंग भी की थी तथा समुचित उपाय करने के लिए आदेश दिए थे। इसके बाद जिला प्रशासन के सहयोग से बड़े स्तर पर पिंजरों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए योजना बनाई गई। इसी क्रम में लगातार वन विभाग ने सक्रियता बढ़ाते हुए गुलदाराें की ट्रैकिंग व हर हरकत काे
लेकर निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी के परिणाम स्वरूप 15 दिनाें में चार गुलदार काे सुरक्षित रेस्क्यू करने में सफलता मिली है। हालांकि अभी भी इलाके में गुलदार
हाेने की आशंका ग्रामीणाें में बनी हुई है।
(Udaipur Kiran) / नरेन्द्र