CRIME

एक और महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर छह लाख की ठगी

jodhpur

जोधपुर, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । शहर में एक बार फिर महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाते हुए साइबर ठग ने छह लाख रुपये ऐंठ लिए। उन्हें वाटसअप कॉल किया गया। इस बार डेंटल डॉक्टर को शिकार बनाया गया है। अभी कुछ रोज पहले मेडिकल कॉलेज की रिटायर्ड प्रिंसिपल को भी डिजिटली अरेस्ट कर 87 लाख की ठगी की जा चुकी है। जिसका भी वृहद स्तरीय जांच चल रही है।

इस बार मूलत: राजधानी जयपुर के सिरसी रोड हाल व्यास डेंटल कॉलेज की डॉक्टर नम्रता माथुर पुत्री देव आनंद माथुर की तरफ से कुड़ी भगतासनी थाने में यह रिपोर्ट दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 20 सितंबर शाम काे उनके दो वाटसएप नंबर पर वीडियो कॉल आया जिसमें आदमी दिखाई दे रहा था जिसके पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, उसने अपना नाम विजय खन्ना बताया एवं बोला कि आपके नाम का एक खाता कैनरा बैंक मुंम्बई में खोला गया। आपके खाते में अनाधिकृत रूप से पैसा आया है। फिर उन्होंने बोला आप अस्पताल से सीधा घर पर चले जाओ किसी को इस बारे में बताना नहीं है। फिर उसने वाटसएप पर नरेश गोयल मनी लॉड्रिंग केस के दस्तावेज की दो कॉपी भेजी। जिसमे लिखा था कुल 247 एटीएम कार्ड बरामद हुए है जो अलग अलग कार्ड होल्डर के नाम के है एवं सीबीआई इसकी जांच कर रही है। यह जांच आकाश कुलकर्णी द्वारा निर्मित की गई है। उसके बाद उसने सर्विलांस रूल्स एंड रेगुलेशन का पीडिएफ भेजा ओर वाटसएप्प विडियों कॉल ऑन रखने का बोला व किसी से बात नहीं करने का बोला। यदि किसी से बात करना है तो वाटसएप्प कॉल ऑन करके बात करनी है। उसके बाद उसने बोला कि आप पूरी रात वीडियो कॉल ऑन करके हमारे सामने रेस्ट करोगे एवं बोला कि आपको 24 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट पर रखा जा रहा है।

आरोपित द्वारा पूरी रात वीडियों कॉल ऑन रखा गया। 21 सितंबर की सुबह नाै मिनट पर वाटसएप नंबर पर वीडियो कॉल आया जिसने अपना नाम ऑफिसर विजय खन्ना बताया। फिर वह कॉल चलता रहा। फिर उसने वाटसएप पर डिजिटल कस्टडी का पीडीएफ भेजा। उसने बोला कि आप राहुल गुप्ता वेच नंबर एफ ए 263521 के नाम सिंकिग प्रायरटी इनवेस्टिकेशन के लिए एपलिकेशन लिखो, तब उनके कहे अनुसार एपलीकेशन लिखी तब उन्होंने एपलीकेश अप्रवुल का पीडीएफ भेजा। उसने सुप्रीम कोर्ट को सिक्रेट सुपरविजन एकाउंट के साथ एकाउंट जोडऩे का बोला तब उनके कहेनुसार एप्लीकेशन लिखी।

इस पर शातिर ने बाद में कहा कि तुरंत कैनरा बैंक में जाकर खाता नंबर बैंक आईसीआईसी बैंक आईएफएससी कोड पर 6 लाख रुपये भेजने के लिए कहा। तब छह लाख रुपये आरटीजीएस से किए थे। खाता धारक का नाम न्यु समा रोडवेज आया था। मैने उसके खाते में 6 लाख रुपये भेज दिए।

परिवादी डॉक्टर नम्रता माथुर के अनुसार आरोपित ने बोला कि आपके और भी किसी बैंक में खाता है। तब बोला मेरा एक खाता एसबीआई में है तब उसके बोला की आपको उस अकाउंट से छह लाख रुपये दूसरे खाता संख्या पर भेजने को कहा गया। इस पर परिवादी को शक हो गया कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है और साइबर ठगी की जा रही है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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