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मिस्र की गाजा योजना पर सहमति: अरब शिखर सम्मेलन में बहुपक्षीय सहयोग की घोषणा

दुबई, 04 मार्च (Udaipur Kiran) । अरब देशों के बीच आयोजित शिखर सम्मेलन के मसौदा बयान में मिस्र द्वारा प्रस्तावित गाजा के पुनर्निर्माण की योजना को अपनाया गया है। मसौदे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय तथा वित्तीय संस्थानों से तुरंत सहयोग करने की अपील की गई है, ताकि गाजा को फिर से रहने योग्य बनाया जा सके।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्तावों का मुकाबला करना है, जिनमें गाजा पर नियंत्रण हासिल करने और फिलिस्तीनी आबादी को मिस्र और जॉर्डन में पुनर्वासित करने की बात कही गई थी। साथ ही, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों पर भी प्रतिक्रिया दी जा रही है, जिन्होंने संघर्ष विराम समाप्त कर दुश्मनी को फिर से शुरू करने का संकेत दिया था।

मसौदे में प्रस्तावित अरब योजना के अनुसार, गाजा के पूर्ण पुनर्निर्माण के लिए तीन चरण निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें कुल पांच वर्षों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में, दो वर्षों में 20 अरब डॉलर की लागत से दो लाख आवासीय इकाइयों का निर्माण करने की रूपरेखा है। इस चरण के तहत, शुरुआती छह महीनों में मलबे को हटाकर अस्थायी आवास की व्यवस्था भी की जाएगी।

दूसरे चरण में, अगले ढाई वर्षों में अतिरिक्त दो लाख आवासीय इकाइयों के साथ-साथ गाजा में एक हवाई अड्डे का निर्माण शामिल है। पूरे पुनर्निर्माण की कुल अनुमानित लागत लगभग 53 अरब डॉलर बताई गई है।

मिस्र की योजना के अंतर्गत, गाजा में हमास द्वारा संचालित सरकार के स्थान पर एक प्रशासनिक सहायता मिशन स्थापित किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य मानवीय सहायता प्रदान करना और युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र के पुनर्निर्माण की पहल को गति देना होगा। साथ ही, मिस्र और जॉर्डन मिलकर फिलिस्तीनी पुलिस बल को प्रशिक्षण देंगे, ताकि गाजा में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

योजना में इजरायल से अपील की गई है कि वह सभी बस्तियों के निर्माण, भूमि अधिग्रहण और फिलिस्तीनी घरों के विध्वंस को तुरंत रोक दे। इसके अतिरिक्त, विभाजनकारी हथियारों के मुद्दे को भी एक स्पष्ट ढांचे और विश्वसनीय राजनीतिक प्रक्रिया के तहत संबोधित किया जाएगा।

मसौदा बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र ही एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसकी मेजबानी इस माह के अंत में काहिरा में की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के हालिया प्रस्तावों का प्रतिकार करते हुए फिलिस्तीनी अधिकारों की सुरक्षा और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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