जींद, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिलाभर में विश्वकर्मा-दिवस व अन्नकूट का पर्व शनिवार को धूमधाम व श्रद्धा से मनाया गया। जयंती मंदिर में भव्य भंडारा आयाेजित किया गया। इस दौरान प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगी हुई थी। मंदिर श्रद्धालुओं ने स्वयं सेवक बनकर व्यवस्था को संभालने का काम किया। मंंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि पिछले वर्षो की भांति इस वर्ष गोवर्धन पूजा और अन्नकूट के भंडारे को लेकर श्रद्धालुओं मेें काफी उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि दीपावली का अगला दिन गोवर्धन पूजा के लिए तय रहता है।
अन्नकूट का पर्व इसी अवसर पर गोवर्धन पूजा के निमित्त मनाया जाता है, जिसके मूल में, भगवान श्रीकृष्ण भक्तों के योगक्षेम को स्वयं वहन करते हैं, जैसा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर किया। शास्त्री ने बताया कि गोकुलवासी वर्षा के देवता कहे जाने वाले इंद्र को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक वर्ष उनकी पूजा करते थे, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें ऐसा करने से रोककर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा। इस पर इंद्र ने क्रोधवश गोकुल पर भारी मूसलाधार बारिश करवा दी, जिससे ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपने हाथ की कनिष्ठिका (सबसे छोटी अंगुली) पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा, तथा सभी ग्रामीणों, गोपी-गोपिकाओं, ग्वाल-बालाओं व पशु-पक्षियों की रक्षा की। सातवें दिन भगवान ने पर्वत को नीचे रखा और सभी गोकुलवासियों को प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट उत्सव मनाने को कहा।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा