जयपुर,16 जुलाई (Udaipur Kiran) । पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में आश्वस्त किया कि जैसलमेर जिले में कर्रा रोग से गौवंश की मृत्यु पर वंचित पशुपालकों को जांच उपरांत नियमानुसार मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में कर्रा रोग फैलने के कारण गौवंश की काफी हानि हुई थी। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 6 माह बाद मुआवजे की घोषणा करने के कारण कम संख्या में आंकड़े प्राप्त हुए। प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सभी पशुपालकों को मुआवजा दिया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि कोई पशुपालक आर्थिक सहायता से बाकी रह गया है, तो जांच करा कर भुगतान कर दिया जाएगा।
पशुपालन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में वर्ष 2019 से 2023 के मध्य कर्रा रोग से कुल 432 गौवंश और वर्ष 2022 में फैले लम्पी रोग के कारण 982 गौवंश की मृत्यु हई है। उन्होंने बताया कि कर्रा रोग से गौवंश की मृत्यु पर अनुदान का प्रावधान नहीं था, लेकिन लम्पी रोग से मृत्यु पर प्रति पशु 40 हजार रूपये दिये जाने का प्रावधान था।
इससे पहले विधायक छोटू सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशुगणना भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक पाँच वर्ष में करवाई जाती है। अंतिम पशुगणना वर्ष 2019 में आयोजित की गई थी, जिसमें जिला जैसलमेर में कुल गौवंश 4 लाख 7 हजार 48 रहा। उन्होंने बताया कि आगामी पशुगणना इस वर्ष माह सितम्बर से दिसम्बर 2024 के मध्य की जावेगी, जिसके आंकड़े प्राप्त होने के पश्चात गौवंश की संख्या में अंतर की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि आगामी पशुगणना इस वर्ष माह सितम्बर से दिसम्बर 2024 के मध्य की जावेगी, जिसके आंकड़े प्राप्त होने के पश्चात ही वर्ष 2019 से 2023 के मध्य गौवंश की मृत्यु के वास्तविक प्रतिशत की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
कुमावत ने बताया कि जिला जैसलमेर में वर्ष 2022 में लम्पी रोग से मृत दुधारू गौवंश के लिए पशुपालकों को प्रति दुधारू गौवंश राशि रुपये 40 हजार की दर से 593 पशुपालकों को कुल राशि रुपये 2 करोड़ 66 लाख 40 हजार का भुगतान किया गया।
(Udaipur Kiran) / संदीप