धमतरी, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । कोटवार को सेवाभूमि देने से आक्रोशित ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचकर आपत्ति जताई है। ग्राम पंचायत हरदीभाठा के सरपंच मुनेन्द्र ध्रुव, ग्रामीण अध्यक्ष दुलचंद नेताम, रेखराज निषाद, भगत राम, रमेश मरकाम, मुकेश नेताम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ 23 सितंबर को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। ज्ञापन सौंपकर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि हरदीभाठा के ग्राम चमेदा के शासकीय भूमि को सेवाभूमि कोटवार को दे दिया गया है। वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों के बिना सहमति वन अधिकार पट्टा भी जारी कर दिया है। जबकि पूर्व से ही इस कोटवार के स्वजन को सेवाभूमि दिया जा चुका है।
शासकीय भूमि पहाड़ी खसरा नंबर 16 को कोटवार को आबंटित कर दिया गया है। जबकि पूर्व में ग्रामीणों की सहमति से उसके नाना कोटवार को 8.94 एकड़ भूमि प्रदान किया गया था। इसे पूर्व कोटवार के निधन के बाद वर्तमान कोटवार द्वारा अपने मां एवं मौसी के नाम पर वन अधिकार पट्टा जारी कराया गया था। ग्रामीण ने कहा कि कोटवार द्वारा शासन को गुमराह कर सेवा भूमि नहीं होने की जानकारी देकर पुन: दूसरी बार शासकीय भूमि ग्राम चमेदा में अपने नाम से पट्टा जारी कराया है। इसकी शिकायत सालभर पहले नगरी एसडीएम और तहसीलदार से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणेां ने गौण खनिज के लिए आरक्षित पहाड़ी खसरा नंबर 16 के सेवा भूमि पट्टा को निरस्त करने की मांग की है। ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुनने के बाद अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा