Uttrakhand

अक्टूबर-नवंबर की चारधाम यात्रा के लिए एसडीआरएफ अलर्ट माेड पर, आपात स्थिति में बनेगी देवदूत

एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए मासिक सम्मेलन करते एसडीआरएफ सेनानायक अर्पण यदुवंशी।

– हाई एल्टीट्यूड टीम के साथ बैकअप टीम भी सतर्क, नेटवर्क की कमी नहीं आएगी आड़े

– एसडीआरएफ सेनानायक ने जानी कर्मचारियों की समस्याएं, त्वरित निदान के दिए निर्देश

देहरादून, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । एसडीआरएफ सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए मासिक बैठक की। सेनानायक ने समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों के आवासीय तथा भोजन व्यवस्था, उपकरणों की स्थिति व अन्य व्यक्तिगत-सामूहिक समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। साथ ही संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित निदान करने के निर्देश दिए।

सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर माह की चारधाम यात्रा के लिए एसडीआरएफ पूरी तरह से तैयार है। इसमें हाई एल्टीट्यूड टीम भी सतर्कता के साथ तैनात रहेगी। सेटेलाइट फोन को कार्यशील रखा जाएगा और उनका उपयोग उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां नेटवर्क की कमी है। एसडीआरएफ वाहिनी की बैकअप टीम 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेगी, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत सामना किया जा सके।

सेनानायक ने कहा कि एसडीआरएफ जवानों को फिट और सक्रिय बनाए रखने के लिए स्पोर्ट्स एवं मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाए। उच्च तकनीक वाले उपकरणों को चिन्हित कर क्रय के लिए प्रस्ताव बनाए जाएं जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावी तरीके से किए जा सके। रेस्क्यू कार्यों में ड्रोन का उपयोग किया जाएगा ताकि खोज और बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके। उन्हाेंने बताया कि वॉटर रेस्क्यू टीम के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी निरंतर चलाए जा रहे हैं ताकि जल से संबंधित आपात स्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया दी जा सके। माउंटेनियरिंग के नए कोर्स सिखाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है जिससे टीम की पर्वतीय क्षमताओं को और भी मजबूत किया जा सके।

कुमाऊं परिक्षेत्र में बनेगी एसडीआरएफ का एक और बटालियन

सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि कुमाऊं परिक्षेत्र में एसडीआरएफ का एक अन्य बटालियन बनना प्रस्तावित है। इस संबंध में कमांडेट अर्पण यदुवंशी ने अधीनस्थों को भूमि एवं अन्य संबंधित कार्यों को ससमय पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर (सीबीआरएन) संभावित खतरों को देखते हुए सीबीआरएन टीम को और सशक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक जवानों को चारधाम यात्रा के उपरांत रिफ्रेशर कोर्स कराने तथा सीबीआरएन रेस्क्यू कार्यों के दौरान प्रयोग होने वाले उपकरणों की खरीदारी के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

एसडीआरएफ ने 423 रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए 13 हजार 429 लोगों को बचाया

सेनानायक ने बताया कि गत तीन माह में एसडीआरएफ ने कुल 423 रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से 13 हजार 429 लोगों को बचाया है। 13 हजार 941 लोगों को रेस्क्यू किया है। इस दौरान उप सेनानायक मिथिलेश कुमार, विजेंद्र दत्त डोभाल, सहायक सेनानायक श्यामदत्त नौटियाल, क्वार्टर मास्टर राजीव रावत आदि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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