मंडी, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । सीटू से संबंधित आंगनवाड़ी वर्करज एंड हेल्पर्ज यूनियन मंडी ज़िाला का सम्मेलन कामरेड तारा चंद भवन मंडी में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता हमिंद्री शर्मा, बिमला शर्मा, गोदावरी वालिया और क्षमा वर्मा ने की। सम्मेलन का उदघाटन यूनियन की राज्य महासचिव वीना शर्मा ने किया। जबकि सीटू ज़िाला प्रधान भूपेंद्र सिंह और महासचिव राजेश शर्मा भी सम्मेलन में शामिल हुए।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्य महासचिव वीना शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गत सप्ताह पेश किए गए बजट प्रस्ताव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। जबकि बॉल विकास परियोजना के बजट में कटौती कर दी गई है और इस परियोजना को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है जिसका यूनियन विरोध कर रही है।
उन्होंने कहा कि यूनियन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेच्यूटी व अन्य सुविधाएं देने का फैसला दो साल पहले दिया है लेकिन हिमाचल सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। यूनियन ने इसे जल्दी लागू करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नर्सरी टीचर लगाने के नाम पर ठगा और अब कांग्रेस सरकार मेें तो दो साल एनटीटी के डिप्लोमा किए हुए वर्करों को ही रखा जाएगा और ये सब भर्तीयां कम्पनियों के माध्य्म से आउटसोर्सिंग आधार पर करने जा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि यूनियन इस बात का विरोध करती है और आने वाले समय में इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पिछले चार साल से मानदेय जारी नहीं किया है। यूनियन ने मांग की है कि 35 वर्ष से ऊपर वाली और पांच साल नॉकरी करने वाली सभी हैल्परों को वर्कर बनाया जाए। वहीं सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रेगुलर करने, हरियाणा की तर्ज़ा पर पेंशन और आर्थिक लाभ देने, सेवानिवृति पर 3000 रुपए पेंशन पंजाब की तर्ज पर सभी प्रकार की छुटियां व मेडिकल लीव देन की मांग करती है। इसके अलावा मध्य प्रदेश की तर्ज़ा पर हर साल एक हज़ाार और पांच सौ रुपए बढ़ोतरी करने तथा मासिक वेतन हर माह दिया जाए।
उन्होंने कहा कि कुछ सरकार के पिछलग्गू लोग यूनियनों के नाम पर कार्यकर्ताओं को गुमराह करते हैं और उनकी एकता को तोडऩे का काम करते हैं, जिनसे सतर्क रहने की ज़ारूरत है ,आज तक जो भी वर्करों को मिला है वो सब यूनियनों के लंबे संघर्ष का परिणाम है। अब केंद्र सरकार ने यूनियन बनाने के अधिकार को भी खत्म करने का फैसला किया है जिसका देश भर में विरोध हो रहा है और उसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश में भी आंदोलन तेज़ा किया जाएगा। इन सब मांगों के बारे में यूनियन 5 अगस्त को शिमला में निदेशक को मांगपत्र सौंपा जाएगा।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा शुक्ला