जौनपुर ,29 अगस्त (Udaipur Kiran) । आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन कार्यकत्रियाें ने गुरुवार को मानदेय व विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह को सौंपा।
कार्यवाहक जिलाध्यक्ष मीना देवी ने कहा कि स्कूल पूर्व हम लोग शिक्षा ,स्वास्थ्य जांच ,टीकाकरण ,अनुपूरक पोषाहार ,पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा , दिशा निर्देशन एवं संदर्भित सेवाओं के लिए की गई है। जिसे निरंतर करती चली आ रही है। साथ-साथ अन्य विभागों के कार्यों को भी समय-समय पर करती चली आ रही है। महंगाई के इस वर्तमान समय में उक्त 6 सेवा योजनाओं पर कार्य करने पर भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से मानदेय के रूप में मात्र 6000 रुपये प्रतिमाह मिलता है। संगठन के संज्ञान में आया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन परिषदीय स्कूलों में संचालित किए जा रहे को-लोकेटेड 10684 आंगनबाड़ी केन्द्रों में ईसीसीई एजुकेटर रखे जाएंगे,जो आंगनवाड़ी की 6 सेवाओं में से मात्र एक सेवा योजना पर कार्य करेंगे जिसको 10313 रुपए प्रति माह भुगतान किया जाएगा। पीएफ तथा ईएसआई योजना का भी लाभ उन्हें दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। जो आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए खेद का विषय है। सरकार द्वारा यह सौतेला व्यवहार है।
हमारी मांग है की प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में संविदा के आधार पर होने वाले ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती को रोका जाए। ईसीसीई एजुकेटर के लिए आंगनबाड़ी कार्यकतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है साथ ही 15 से 35 वर्ष के कार्य का अनुभव भी है। आंगनबाड़ी कार्यकतियां इस कार्य के लिए निपुण और सक्षम है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से उक्त पद की व्यवस्था करने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है।
आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आपसे उक्त नियुक्ति को रद्द करने का आग्रह करता है,अन्यथा समूचे उत्तर प्रदेश की पौने चार लाख आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां तथा सहायिकाएं काम बंद, कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होंगी, जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी।
हमारी मांग है आँगनबाडी कार्यकत्री को 18000 हजार रुपए प्रतिमाह तथा सहायिका को 9,000 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाये।आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाें जिनका सेवाकाल 10 वर्ष पूर्ण हो चुका है, उन्हें योग्यता के आधार पर मुख्य सेविका के पद पर पदोन्नति की जाए और जब तक पदोन्नति नहीं होती है, तब तक उन्हें मुख्य सेविका का देतन मान दिया जाए। अपने मूल केन्द्र के अतिरिक्त अन्य केन्द्रों का कार्य कराये जाने पर प्रत्येक अतिरिक्त केन्द्र के चार्ज के लिए प्रोत्साहन राशि दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। 60 वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं / सहायिकाओं को वृद्धा पेंशन दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।विधवा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिका को विधवा पेंशन भी दिया जाए।सेवाकाल 62वर्ष से बढ़ाकर 65वर्ष किया जाए।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव