
प्रयागराज, 10 फरवरी (Udaipur Kiran) । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक छात्र ने छात्र संघ चुनावों को बहाल करने के लिए प्रदर्शन के दौरान कथित अनुशासनहीनता और कदाचार पर दंगा, गलत तरीके से रोकने और अन्य आरोपों के लिए दर्ज एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
याचिकाकर्ता, मिस्बाह कैसर, जो विश्वविद्यालय में बी.आर्क. का छात्र है, उस पर प्रशासन के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया है। जिसने कथित तौर पर अन्य छात्रों को भड़का दिया। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कुलपति के वाहन को रोक दिया और नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। उसके द्वारा घातक हमला करने का इरादा था।
अपनी आपराधिक रिट याचिका में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कथित घटना की तारीख को 100-125 की संख्या में छात्र उपस्थिति और आगामी परीक्षाओं से सम्बंधित अपने मुद्दे उठाने गए थे। किसी अवैध मांग के लिए याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई भाषण नहीं दिया, जिससे छात्रों को गलत तरीके से आंदोलन करने के लिए उकसाया गया हो।
याचिका में कहा गया है कि एफआईआर कुछ और नहीं बल्कि उन छात्रों के हितों को कमजोर करने का प्रयास है जो केवल परीक्षा और उपस्थिति से सम्बंधित मुद्दे उठा रहे थे।
याचिका में कहा गया है कि एक तरफ विश्वविद्यालय ने याची व अन्य नामित छात्रों को निलम्बित कर दिया है और दूसरी तरफ विश्वविद्यालय ने अपने अधिकारियों के माध्यम से याचिकाकर्ता और अन्य नामित छात्रों के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वर्तमान प्राथमिकी कानून की प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है।
उल्लेखनीय है कि कथित घटना के आधार पर विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ता को निलंबित कर दिया है तथा उसके विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है तथा उसे विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए परिसर में स्थित छात्रावास खाली करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 11 फरवरी को होने की उम्मीद है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
