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प्रवक्ताओं की नियुक्ति में ए एम यू को सावधानी बरतने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

प्रयागराज, 17 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भविष्य में प्रवक्ता के पदों पर नियुक्ति में सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित करते समय सतर्कता बरतने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि विज्ञापन स्पष्ट होना चाहिए। इसमें उम्मीदवार की योग्यता का स्पष्ट उल्लेख हो।

यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अम्मा खातून व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए की है। अम्मा खातून, डॉ. मोहम्मद अजफर शैदा और डॉ. सैयद मोहम्मद हुमायूं अख़्तर ने औद्योगिक रसायन विज्ञान में एमएससी किया था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने प्रवक्ता रसायन विज्ञान पद के लिए विज्ञापन निकाला था। याचियों ने आवेदन किया था, जिसे निरस्त कर दिया गया। इसके ​​खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में वर्ष 2021 में याचिका दा​खिल की। प्रार्थना की कि उन्हें एएमयू की ओर से जारी विज्ञापनों के अनुसरण में शुरू की गई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

उनकी दलील थी कि वे लेक्चरर (रसायन विज्ञान) के पद के लिए भी योग्य थे। याचियों के पास औद्योगिक रसायन विज्ञान में एमएससी की डिग्री थी। उन्होंने दावा किया कि रसायन विज्ञान का संबद्ध विषय औद्योगिक रसायन है। ऐसे में उक्त पद के लिए यह एक आवश्यक योग्यता है।

एकल पीठ ने पाया कि याचिका के लम्बित रहने के दौरान यानी पिछले पांच वर्षों में ये पद पहले ही भर दिए गए हैं। उनके चयन को चुनौती नहीं दी गई थी। इसलिए याचिका में मांगी गई राहत निरर्थक हो गई। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रार, एएमयू भविष्य में विज्ञापन प्रकाशित करते समय सतर्क रहेंगे। विज्ञापन में अस्पष्ट शब्दों सम्बंधित/प्रासंगिक/संबद्ध विषय की जगह विश्वविद्यालय को विशेष रूप से योग्यता के बारे में उल्लेख करना चाहिए। ताकि सभी योग्य उम्मीदवार आवेदन कर सकें।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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