West Bengal

जगन्नाथ सांस्कृतिक परिसर के विज्ञापन पर अमित मालवीय का हमला, कहा- ममता सरकार ने भक्तों का किया अपमान

पश्चिम बंगाल के सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय

कोलकाता, 01 मई (Udaipur Kiran) ।भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने गुरुवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में बने भगवान जगन्नाथ मंदिर को राज्य सरकार ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों में ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ क्यों बताया है।

अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से बयान जारी कर कहा कि दीघा मंदिर को लेकर राज्य सरकार के विज्ञापन न केवल अनुचित हैं, बल्कि यह भगवान जगन्नाथ के भक्तों का घोर अपमान भी है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार के ये विज्ञापन निंदनीय हैं और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। यह सच्ची भक्ति नहीं, बल्कि तुच्छ और नकारात्मक राजनीति का परिचायक है।

मालवीय ने विज्ञापनों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं। उल्लेखनीय है कि बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में दीघा मंदिर का भव्य उद्घाटन हुआ। यह मंदिर ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ धाम मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है।

जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल हाउसिंग डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ), जो इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है, ने अपने दस्तावेजों में इस मंदिर को ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ के नाम से दर्ज किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार ने विवादों से बचने के लिए यह नाम रखा है, क्योंकि कानूनी तौर पर राज्य सरकार किसी धार्मिक संस्थान के सीधे संचालन में शामिल नहीं हो सकती।

इससे पहले भी विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया था कि दीघा में बने मंदिर को पुरी के मंदिर की तर्ज पर बनाए जाने के दावे सही नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया था कि जब यह वास्तव में मंदिर है तो इसे ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ क्यों कहा जा रहा है।

शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि मुख्यमंत्री तुरंत निर्देश दें कि सभी सरकारी दस्तावेजों, निविदाओं और डब्ल्यूबीएचआईडीसीओ के रिकॉर्ड में ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ का नाम बदलकर ‘श्री जगन्नाथ मंदिर’ किया जाए।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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