
कोलकाता, 03 जून (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के फंड में भारी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार को मजबूरी में इस योजना के तहत बंगाल को नई राशि जारी करना रोकना पड़ा, क्योंकि पहले दिए गए फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ।
मालवीय ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक बयान जारी कर कहा कि ममता बनर्जी का बंगाल निराशा और असहायता की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में उन्होंने पूछा था कि केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई के तहत बंगाल को फंड देना क्यों बंद कर दिया। इसका सीधा उत्तर है — तृणमूल नेताओं ने इन फंडों का जनकल्याण के बजाय निजी लाभ के लिए दुरुपयोग किया।
मालवीय ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के दासपुर इलाके का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 2018 में कांगसाबती और कंसाई नदियों में आई बाढ़ के कारण सड़कें पूरी तरह तबाह हो गई थीं, लेकिन बीते छह वर्षों में एक भी मरम्मत का काम नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार की गई शिकायतें और अपीलों को नजरअंदाज किया गया, जिससे उन्हें हर साल तीन से चार महीने नाव से यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बाकी समय वे कीचड़भरे खेतों से होकर जोखिम उठाकर चलते हैं।
मालवीय ने आरोप लगाया कि आपात चिकित्सा स्थितियों में मरीजों को बांस की बल्लियों में बांधकर एंबुलेंस तक पहुंचाया जाता है, जैसे देश अब भी 18वीं सदी में जी रहा हो। उन्होंने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस के शासन में प्रशासनिक संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है।
मालवीय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संकट धन की कमी से नहीं, बल्कि योजनागत भ्रष्टाचार और आम जनता की उपेक्षा से उपजा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इससे बेहतर शासन का हकदार है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अलीपुरद्वार और कोलकाता में आयोजित जनसभाओं में तृणमूल सरकार पर करारा प्रहार करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य में भ्रष्टाचार के चलते आम नागरिकों को बुनियादी सेवाओं से वंचित किया जा रहा है।
भाजपा नेताओं के अनुसार, यह भ्रष्टाचार तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक व्याप्त है और जनता इसके गंभीर परिणाम झेल रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
