
काठमांडू, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की दिसंबर के पहले हफ्ते में प्रस्तावित चीन भ्रमण की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है वैसे-वैसे बेल्ट एंड रोड परियोजना (बीआरआई) को लेकर सत्तारूढ़ दलों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच चीन ने नेपाल सरकार से बीआरआई को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
काठमांडू स्थित चीन के राजदूत छन सोंग ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा से मुलाकात कर नेपाल के सत्तारूढ़ दलों के बीच बीआरआई को लेकर बढ़ते विवाद पर चिंता व्यक्त की। इस मुलाकात के दौरान चीनी राजदूत ने विदेश मंत्री से नेपाल सरकार की आधिकारिक धारणा स्पष्ट करने की मांग की। इस मुलाकात के बारे में नेपाल की विदेश मंत्री डॉ राणा ने कहा कि चीनी पक्ष बीआरआई को लेकर नेपाल में बढ़ते विवाद के बारे में पानी चिंता से अवगत कराया है।
विदेश मंत्री ने बताया कि बीआरआई के अंतर्गत लिए जाने वाले ऋण को लेकर नेपाल की स्थिति पहले से ही स्पष्ट है अगर चीन की तरफ से अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता मिलती है, तब इसके बारे में विचार किया जा सकता है। डॉ राणा ने कहा कि बीआरआई को लेकर सिर्फ सत्तारूढ़ दलों के बीच ही नहीं बल्कि अनुदान मिलने की शर्त पर इस मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीनी राजदूत को नेपाल सरकार की धारणा को लेकर बात दिया गया है।
चीनी राजदूत से मुलाकात के समय पोखरा में बनाए गए अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल में चीन के 25 बिलियन डॉलर के ऋण को अनुदान के बदलने का प्रस्ताव भी दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली के चीन भ्रमण का यह एक प्रमुख एजेंडा है। अगर चीन पोखरा के ऋण को अनुदान के बदलने को तैयार होता है। इस समय लिए जा रहे ब्याज को माफ कर देता है तो बीआरआई के तहत कुछ परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है।
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज दास
