नाहन, 30 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त सिरमौर सुमित खिम्टा ने की। बैठक में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत बच्चों को त्वरित लाभ प्रदान करने के लिए किए गए संशोधनों पर चर्चा की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा ने बैठक के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में अब विकेंद्रीकरण किया गया है जिससे अधिकतर शक्तियां जिला स्तर पर गठित समिति को प्रदान की गई हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों और व्यक्तियों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत अब परित्यक्त और आत्मसमर्पण करने वाले बच्चों को भी शामिल किया गया है।
सुनील शर्मा ने बताया कि परित्यक्त बच्चों वे होंगे जिन्हें उनके जैविक या दत्तक माता-पिता ने त्याग दिया है, जबकि समर्पित बच्चों की श्रेणी में वे बच्चे आएंगे जिन्हें माता-पिता या अभिभावकों ने शारीरिक, भावनात्मक या सामाजिक कारणों से त्याग दिया है और जो उनके नियंत्रण से बाहर हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत पात्र बच्चों के प्रमाण पत्र जिला बाल कल्याण समितियों द्वारा जारी किए जाएंगे और अंतिम मंजूरी के बाद इन बच्चों को लाभ दिया जाएगा। 14 वर्ष की आयु तक इन बच्चों को 1000 रुपये मासिक सहायता, 18 वर्ष तक 2500 रुपये मासिक और 27 वर्ष तक 4000 रुपये की पॉकेट मनी दी जाएगी। इसके अलावा उनकी उच्च शिक्षा का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और छात्रावास उपलब्ध न होने पर पीजी खर्च के लिए 3000 रुपये भी प्रदान किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर