Maharashtra

लोकतंत्र के स्तंभ आंबेडकर याद किए गए ठाणे सिविल अस्पताल में

Ambedkar pillar of democracy was Remembered

मुंबई,14 अप्रैल ( हि. स.) बाबा साहब आंबेडकर के जन्म दिवस पर ठाणे सिविल उन्हें स्मरण किया गया इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में लोक नेता राज असरोंडकर ने कहा, आखिर एक देश क्या बनाता है? ज़मीन या पत्थर? एक देश उसके लोगों से बनता है। और जो व्यवस्था इन लोगों को एक साथ लाती है और उन्हें एकजुट रखती है, वह लोकतंत्र है, और इस लोकतंत्र को अपनाने के ज़रिए ही एक देश अपने वास्तविक अस्तित्व को प्राप्त कर सकता है। यह वह मौलिक विचार है जिसे भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने अपने दृष्टिकोण से स्थापित किया था।

छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और भारत रत्न डॉ. आंबेडकर कोआज ठाणे सिविल अस्पताल में स्मरण किया गया । बाबासाहेब अम्बेडकर की संयुक्त जयंती बड़े उत्साह और गौरवशाली माहौल में मनाई गई। तीन महान व्यक्तित्वों के कार्य और विचारों की विरासत को संजोने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगड़े की अध्यक्षता और स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. अशोक नांदापुरकर के मार्गदर्शन में हुआ। अपने भाषण के माध्यम से उन्होंने लोकतंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला और उपस्थित लोगों में एक नई चेतना पैदा की। उन्होंने शिवाजी महाराज के प्रशासन के प्रति न्यायपूर्ण दृष्टिकोण, महात्मा फुले के सामाजिक समानता और डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान में इन तीनों दिग्गजों के कार्यों के अंतर्संबंधों को समझाया और समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने के महत्व पर बल दिया। क्षेत्रीय मनोरोग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे। नेताजी मलिक ने अपने अनुभव साझा कर कार्यक्रम का स्तर ऊंचा उठाया। इस अवसर पर रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. मृणाली राहुड़, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता माकोड़े, सर्जन डॉ. निशिकांत रोकड़े, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका महानगाड़े, सहायक प्रतिभा बर्डे, षष्टम. अधिसेविका घने और प्रोफेसर श्रद्धा मेस्त्री ने सभी का मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन किया।

—————

(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

Most Popular

To Top